कल से पांच दिन लगातार रहेंगे ये पवित्र पर्व
मातंग रवि, हर्षण, सर्वार्थ सिद्धि योगों का संयोग बनेगा
इटारसी। कल 12 मई से पांच दिन लगातार पर्व पड़ेंगे। मां चामुण्डा दरबार भोपाल (Maa Chamunda Darbar Bhopal) के पुजारी गुरू पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि बैसाख शुक्ल पक्ष मोहिनी एकादशी गुरूवार 12 मई मातंग, रवि हर्षण योग में व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। मोहिनी एकादशी को सब प्रकार के दुखों का निवारण करने वाला और सब पापों को हरने वाला दिन माना जाता है। मोहिनी एकादशी व्रत की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है।
मोहिनी एकादशी की कथा
देवताओं में अमृत वितरित करने के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया। इस सुंदर स्त्री का रूप देखकर असुर मोहित हो उठे। इसके बाद मोहिनी रूप धारण किए हुए विष्णु जी ने देवताओं को एक कतार में और दानवों को एक कतार में बैठ जाने को कहा और देवताओं को अमृतपान करवा दिया। अमृत पीकर सभी देवता अमर हो गए। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था।
शुक्र प्रदोष पूजा 13 मई
शुक्र प्रदोष वैशाख माह का दूसरा और मई का पहला प्रदोष व्रत आने वाला है. यह व्रत शुक्रवार को होने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत है. शुक्र प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की आराधना करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. शुक्र प्रदोष व्रत 13 मई को है. इस दिन प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) की पूजा की जाती है. जो लोग शुक्र प्रदोष व्रत रखेंगे, उनको व्रत कथा का पाठ या श्रवण करना चाहिए. इससे आपको व्रत का महत्व और फल प्राप्त होगा.
शुक्र प्रदोष वाले दिन शाम करीब पौने 4 बजे से सिद्धि योग लग रहा है और हस्त नक्षत्र रहेगा. ये दोनों ही मांगलिक एवं शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। प्रदोष काल में अभिषेक, शिव की पूजा-पाठ होगी।
भगवान नरसिंह प्राक्टोत्सव 14 मई
हिंदू धर्म में प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती (Narasimha Jayanti) रवि वंसर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जावेगी। इस साल ये पर्व 14 मई 2022, दिन शनिवार को है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह अवतार लिया था। तब से इस दिन को नृसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह की उपासना करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विष्णु भगवान की कृपा से सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। इसके अलावा नरसिंह जयंति के पावन अवसर पर कुछ मंत्रों का जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शनिवार होने के कारण शनि मंदिरों में शनि देव की पूजा-पाठ होंगी।
वैसाखी व्रत पूर्णीमा 15 मई
वैसाख शुक्ल पक्ष व्रत पूर्णिमा रविवार 15 मई को रवि योग में मनाई मावेगी। आज सूर्य मेष से वृष राशि में प्रवेश करेंगे। व्रत के साथ सत्य नारायण की कथा का विशेष महत्व बताया गया है। बाजारों में धन वर्षा होगी। मई में शादियों के शुभ महुर्त 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 24, 25, 26, 31 मई तक है। तापमान बढ़ेगा।
वैसाखी स्नान दान बुद्ध पूर्णिमा 16 मई
वैसाख शुक्ल पक्ष स्नान दान बुद्ध पूर्णिमा सोमवार 16 मई को मनाई जावेगी। भगवान बुद्ध की जयंती के साथ वैसाख स्नान का समापन होगा। हजारों घरों, मंदिरों, तीर्थ स्थल, पवित्र नदियों में सत्यनारायण की कथाएं होंगी। खग्रास चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। मंदिरों में पूजा-पाठ होगी। सूतक नहीं मानी जावेगी। भारत में सुबह के 7: 58 से 11:25 तक का समय रहेगा। चंद्र ग्रहण न्यूजीलेंड (New Zealand), कनाडा (Canada), जर्मन (German,), अमेरिका (America) एवं जिन देशों में रात्री रहेगी वहां चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। भारत में 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण एवं 8 नव बर को चंद्र ग्रहण दिखाई देगें। भगवान विष्णु के साथ भगवान बुद्ध और चंद्रदेव की भी पूजा की जाएगी। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। आज के दिन बिहार के पवित्र तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। ब़ुद्ध समाज के द्वारा यह पर्व धूम-धाम से मनाया जावेगा।