इटारसी। श्री रामजन्म महोत्सव का ऐतिहासिक आयोजन 9 अप्रैल से प्रारंभ होगा। नर्मदा अंचल के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित श्री राम जन्म महोत्सव का आयोजन चैत्र शुक्ल एकम 9 अप्रैल मंगलवार से चैत्र शुक्ल नवमी 17 अप्रैल बुधवार तक श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक परिसर में आचार संहिता का पालन करते हुए किया जाएगा।
श्री राम जन्म महोत्सव समिति के अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष विपिन चांडक, सचिव अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा ने बताया है कि लोकसभा चुनाव के कारण जारी आचार संहिता के चलते चुनाव आयोग के नियमों का पालन किया जा रहा है। इस बार जारी प्रचार सामग्री में किसी भी पदाधिकारी का नाम प्रकाशित नहीं किया है। श्री राम जन्म महोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक अध्यक्ष श्री द्वारिकाधीश राम जानकी मंदिर समिति के मार्गदर्शन में समस्त कार्यक्रम होंगे। जगतगुरु रामभद्राचार्य जी की परम शिष्या राष्ट्रीय मानस प्रवक्ता मानसमणी साध्वी पंडित नीलम गायत्री चित्रकूट मध्य प्रदेश से पधार रही हैं, जो 9 दिनों तक प्रभु श्री राम की कथा का गुणगान करेंगी। श्री राम कथा पर प्रवचन प्रतिदिन सायंकाल 7 बजे से रात्रि 9:50 बजे तक होंगे।
श्री रामचरितमानस के नव्हांन पारायण का गायन प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से श्री द्वारिकाधीश सत्संग हॉल में होगा। 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे ठाकुर श्री द्वारकाधीश की प्रतिमा के समक्ष श्रीराम जन्म महोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन प्रवचन प्रात: 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होंगे। इस दिन आकर्षण का केंद्र ठाकुर श्री द्वारिकाधीश होंगे जिन्हें धनुर्धारी राम बनाया जाएगा। 17 अप्रैल को सायंकाल 5 बजे विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी जो श्री द्वारिकाधीश मंदिर की परिक्रमा करते हुए मराठी स्कूल, आठवीं लाइन चौराहा से नवमी लाइन सांवरिया हाउस से होते हुए साईंराजा परिसर के बाजू से सातवीं लाइन होते हुए सराफा बाजार से नीमवाड़ा पहुंचेगी एवं यहां से जय स्तंभ चौक होते हुए वापस द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर पर विश्राम लेगी।
अयोध्या में प्रभु श्री राम लाल के विराजित होने पर पूरे मंदिर परिसर को सजाया जा रहा है। इस वर्ष से मंच एवं परिसर की सजावट का कार्य सुरेंद्र सिंह राजपूत बबली भाई को सौंपा है। ध्वनि एवं प्रचार का कार्य विकास दुबे देखेंगे। संचालन अभिषेक तिवारी करेंगे। शोभा यात्रा के संयोजक संजीव अग्रवाल दीपू भाई होंगे। प्रवक्ता का दायित्व भूपेंद्र विश्वकर्मा संभालेंगे।