इस बार केसला के इस गांव में पहुंचेंगी सरस्वती जी

इस बार केसला के इस गांव में पहुंचेंगी सरस्वती जी

विसर्जन नहीं करके स्कूल को देते हैं सरस्वती की प्रतिमा
इटारसी। केसला (Kesala) ब्लॉक के गांव में स्थित स्कूल में हर वर्ष सरस्वती जी (Saraswatiji) पहुंचती हैं। वह भी इसलिए कि विद्या की इस देवी का सालभर पूजन हो और वे स्कूल के बच्चों और शिक्षकों पर आशीर्वाद की वर्षा करती रहें। इस वर्ष माता सरस्वती केसला के शासकीय प्राथमिक शाला भूमकापुरा (Government Primary School Bhumkapura) में विराजेंगी।
उल्लेखनीय है कि नीमवाड़ा (Neemwada) में विद्या की देवी सरस्वती की प्रतिमा नवरात्र के दौरान स्थापित की जाती हैं। पिछले करीब छह वर्षों से प्रतिमा की स्थापना की जाती है। नवरात्र के दौरान नौ दिन सेवा करने के बाद शहर में स्थापित माता दुर्गा (Mata Durga), काली (Kali), शंकर (Shankar), साईं बाबा (Sai Baba) व अन्य प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जाता है। लेकिन, नीमवाड़ा में स्थापित माता सरस्वती की प्रतिमा को विसर्जित नहीं किया जाता है। महेश सोनी (Mahesh Soni) प्रतिमा की आकर्षक साज-सज्जा करते और समिति में नेतृत्व करते हैं।

स्कूल को दी जाती है प्रतिमा

स्थापना समिति ने माता सरस्वती की नौ दिन सेवा के बाद इस प्रतिमा को विसर्जित करने की जगह किसी शिक्षण संस्थान में देने का निर्णय लिया और पिछले छह वर्षों से यह नियम अनवरत चल रहा है। केसला ब्लॉक के किसी एक स्कूल का इसके लिए समिति की बैठक में चयन किया जाता है। इस वर्ष स्थापित माता सरस्वती की प्रतिमा शासकीय प्राथमिक शाला भूमकापुरा को दी जानी है। यहां दर्ज बच्चों की संख्या 52 है। शिक्षक श्रीमती मणि तिवारी (Smt. Mani Tiwari) और श्रीमती माला तिवारी (Smt. Mala Tiwari) को समिति यह प्रतिमा सौंपेगी।

वर्षों से हो रही है स्थापना

बता दें कि नीमवाड़ा में वर्तमान युवाओं की समिति करीब छह वर्षों से यहां माता सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना कर रही है। इससे पूर्व विगत कई वर्षों तक देवी सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना की जाती रही है। बीच में कुछ दिनों का अंतराल हो गया था। जो लोग पहले यहां प्रतिमा की स्थापना करते थे, उनकी दूसरी पीढ़ी ने अब प्रतिमा स्थापना का बीड़ा उठा लिया है और कुछ वर्षों के अंतराल के बाद सरस्वती प्रतिमा स्थापना प्रारंभ की है। इसमें खास बात यह है कि ये लोग प्रतिमा का विसर्जन न करके स्कूल को सौंप देते हैं।

 

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AUTHORRohit

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