इटारसी। आज हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) है। इस तिथि का हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में खास महत्व है। लेकिन, धार्मिक महत्व के अलावा इस दिन पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के उद्देश्य से कुछ पौधे (Plants) भी रोपे जाते हैं। ये पौधे औषधीय और जीवन के लिए आवश्यक होते हैं। इस हरियाली अमावस्या पर एक किसान ने पौधों को संरक्षण देने एक अनूठा प्रयोग किया है।
हमारे यहां गांव में परंपरा रहती है कि इस दिन किसी व्यक्ति पर मछली का जाल (Fishnet) ओढ़ाने से वह सालभर सुरक्षित और बाधा रहित रहता है, ये सोच रहती है कि इससे परिवार के लोग सुरक्षित रहते हैं।
इसी सोच को और आगे बढ़ाते हुए आज हरियाली अमावस्या पर ग्राम सुपरली (Village Superly) के किसान योगेंद्र सोलंकी (Farmer Yogendra Solanki) ने एक नई परंपरा की शुरुआत की है जिसमें वृक्षों जाल ओढ़ाकर उनकी सुरक्षा का संदेश दिया। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आज गांव के ही अंकित तोमर के जन्मदिन पर अंकित ने जाल ओढ़कर पौधरोपण भी किया।
किसान योगेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि पौधों और वृक्षों को जाल ओढ़ाकर हमारी सोच है कि वह भी सुरक्षित और बाधा रहित रहे। हम हरियाली अमावस्या पर जाल ओढ़कर खुद को सुरक्षित तो रखने का प्रयास करते हैं, लेकिन यदि हमारी प्रकृति में पेड़-पौधे ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हम कैसे सुरक्षित रह सकेंगे। इसी सोच के कारण आज हमने यह नयी परंपरा की शुरुआत करके समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया है कि वे न सिर्फ पौधरोपण करके प्रकृति के मददगार बनें, बल्कि उनका संरक्षण भी करें ताकि आपका जीवन भी सुरक्षित रह सके।