इटारसी। देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Kisan andolan)को समर्थन देने महाराष्ट्र से तीन सौ किसानों का एक जत्था सोमवार को रवाना हुआ। यहां जयस्तंभ चौक पर स्थित गुरुद्वारे में किसानों को लंगर कराया और फिर रैली निकालते हुए किसान नेताओं ने जयस्तंभ चौक पर एक सभा का आयोजन किया।
सभा में अखिल भारतीय किसान महासभा के नेताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने उद्योगपतियों के इशारे पर किसानों के खिलाफ तीन काले कानून पारित करने की तैयारी की है। इस निर्णय से देश की कृषि अर्थव्यवस्था बुरी तरह चौपट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। उद्योगपतियों की सरकार सोच रही है कि तीनों बिल संसद में पारित कर किसानों का शोषण करेंगे, लेकिन अब देश भर के किसान जाग उठे हैं, यदि 26 जनवरी तक सरकार ने किसानों की मांगों पर फैसला नहीं किया तो सारे किसान लामबंद होकर दिल्ली कूच करेंगे। ट्रैक्टर ट्रालियों से हर राज्य के किसान दिल्ली जाएंगे और पैदल मार्च कर संसद का घेराव करेंगे। सभा को महाराष्ट्र किसान सभा के जनरल सेक्रटरी कामरेड नामदेव गावड़े, भारतीय खेत मजदूर यूनियन महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. राम बाहेती, किसान सभा अध्यक्ष मधुकर पाटिल मौजूद रहे। नेताओं ने कहा कि उनके साथ युवा छात्र नेताओं की टीम के अलावा महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवाएं भी दिल्ली जा रही हैं। किसान संघर्ष यात्रा के बैनर तले सारे किसान करीब दो दर्जन गाडिय़ों का काफिला लेकर निकले हैं। राजस्थान होकर सारे किसान दिल्ली आंदोलन में शामिल होंगे।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता पाली जसपाल सिंह भाटिया (Congress leader Pali Jaspal Singh Bhatia), पूर्व मंडी अध्यक्ष विक्रम सिंह तोमर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंद्रगोपाल मलैया, पूर्व जनपद अध्यक्ष राममोहन मलैया, कांग्रेस नेता लखन बैस, नवल पटेल, युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव मयूर जायसवाल, युकां जिलाध्यक्ष हुजैफा बोहरा ने किसान नेताओं का मंच पर स्वागत किया।