इटारसी। आज अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस (international human rights day) के मौके पर भारत तिब्बत समन्वय संघ (Indo-Tibetan Coordination Association) ने तिब्बती व्यापारियों का सम्मान किया।
संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष डॉ मेजर पंकज मनी पहारिया, नियुक्ति एवं संवाद प्रभाग संयोजक रौनक मालवीय, सीएमओ हेमेश्वरी पटले, पार्षद जिम्मी कैथवास, अभिषेक कनोजिया, बसंत चौहान, तिब्बती समाज प्रमुख सोनम एवं सभी तिब्बती व्यापारी उपस्थित थे। हर वर्ष शीतकाल में ये व्यापारी गर्म कपड़ों का व्यापार करने इटारसी आते हैं।
इस अवसर पर डॉ. पीएम पहारिया ने कहा कि हमारे पड़ोसी तिब्बत से वर्ष 1959 से चीन छल और बाद में तिब्बत की अधिकांश भूमि को हड़पने की कूटनीति रचना करता रहा है। तिब्बत के लोग दमित मानव अधिकार के सबसे बड़े उदाहरण हैं। अपने सर्वस्व प्रमुख दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार मिलने की स्मृति को उत्सव के रूप में मनाते हैं। यह एक भाव है जो मनुष्यता का परिचायक है, जिसे तिब्बती लोगों ने अक्षुण्ण रखा है।
तिब्बती बौद्ध मत के अनुसार दलाई लामा को भगवान बुद्ध की बोधिसत्व परंपरा का भाग माना जाता है। दलाई लामा स्वयं में भगवान बुद्ध के अंश माने गए हैं और इस नाते अवतार परंपरा उनके यहां आज भी लागू है। आज 10 दिसंबर पूजनीय दलाई लामा को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।