तिल-तिल बढ़ती है यहां की गणेश प्रतिमा, होती है मनोकामना पूर्ण

तिल-तिल बढ़ती है यहां की गणेश प्रतिमा, होती है मनोकामना पूर्ण

पिपरिया से 18 एवं बनखेड़ी से 4 किण्मीण् दूर बाचावानी में स्थित है गणेश मंदिर’

बनखेडी। बनखेड़ी के समीपस्थ ग्राम वाचावानी में स्थित भगवान श्री गणेश के अतिप्राचीन मंदिर में गणेश उत्सव के दौरान भक्त दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। गौरी पुत्र गणेश की मनोहारी एवं दुर्लभ अद्भुत अति प्राचीन प्रतिमा पिपरिया से 18 किलोमीटर दूर बनखेड़ी रोड पर बसे ग्राम बाचावानी के गणेश मंदिर में विराजमान है ग्रामवासियों के अनुसार यह 800 वर्ष पुराना मंदिर है। इस ऐतिहासिक प्रतिमा की विशेषता यह है कि इसमें एक दन्त गणेश जी की सूंड दाहिनी ओर है। एक ही पत्थर पर बनी गणेश प्रतिमा के साथ ही ऋद्धि, सिद्धि, मूषक एवं शुभ लाभ भी बने हुए हैं। यह प्रतिमा दूरदूर तक सिद्ध प्रतिमा के रुप में विख्यात है। यहां आकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। पारंपरिक रुप से श्री गणेश चतुर्थी पर यहां विशेष पूजा होती है। जो अनंत चतुर्दशी तक चलती है । इस मंदिर अदभुत मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि यह हर वर्ष तिल के आकार में बढ़ रही है।

बाचावानी में कैसे विराजे भगवान गणेश
मंदिर के पुजारी मनोहर दास बैरागी के अनुसार दाहिनी ओर सूंड की प्रतिमाएं बहुत बिरली हैं । ऐसी प्रतिमा चारों धामों में नहीं हैं । हर जगह बायीं ओर सूंड वाली प्रतिमाएं ही मिलती हैं । परंपरागत रुप से एक ही परिवार के वंशज यहां के पुजारी होते हैं । वर्तमान पुजारी बताते हैं कि वे आठवीं पीढ़ी के हैं । आठ सौ साल पहले ग्राम बाचावानी फतेहपुर रियासत का हिस्सा था जहां राजगौंड राजा का शासन था । उस समय यह प्रतिमा यहां खेत में मिली थी । राजा फतेहपुर को यह प्रतिमा पसंद आ गई । उसने इसे हाथी पर रखकर फतेहपुर ले जाने का प्रयास किया । लेकिन प्रतिमा को उठाने के लिए बिठाया गया हाथी गणेश जी को लेकर खड़ा भी नहीं हो सका था । अंत में हारकर यह माना गया कि श्री गणेश इसी स्थान पर ही बिराजना चाहते हैं । तब यहीं मंदिर बना दिया गया ।

प्रत्येक चतुर्थी पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं 
तिल गणेश के पर्व पर यहां मेला भरता है और दूर से लोग यहां आते हैं । यहां श्रद्धा से पूजा अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है । खास तौर पर संतान प्राप्ति के इच्छुक दंपतियों की मनोकामना श्री गणेश पूरी करते हैं । बहुत लोगों ने स्वीकार कि या है कि उनकी संतान प्राप्ति की कामना पूरी हुई है । ऐसे लोगों ने धन राशि अर्पण कर इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य स्वरुप प्रदान किया है ।

प्राकृतिक विपदाओं से रक्षा करते है, भगवान श्री गणेशग्राम बाचावानी के रहवासियों का मानना हैं कि श्री गणेश जी उनकी प्राकृतिक विपदाओं से रक्षा करते हैं । बाचावानी के खेतों में ओलों से कभी नुकसान नहीं हुआ । यहां ओले गिरते ही नहीं हैं । और यदि कभी गिरना शुरु हुआ तो मंदिर का घंटा बजाते ही बंद हो जाते हैं । एबं गांव के लोगो की रक्षा करते है।

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