कल देवल मंदिर में श्रीराम-जानकी के साथ ही 32 जोड़ों का भी होगा विवाह

Post by: Rohit Nage

Tomorrow, along with Shri Ram-Janaki, 32 couples will also get married in Deval temple.

इटारसी। श्री देवल मंदिर काली समिति के तत्वावधान में विगत चार दशक से श्रीराम-जानकी विवाह का आयोजन हो रहा है और इसी के साथ ही सामूहिक विवाह संस्कार भी हो रहे हैं। इस वर्ष अब तक 32 जोड़ों का पंजीयन नि:शुल्क सामूहिक विवाह के लिए हो चुका है। जन सहयोग से होने वाले इस आयोजन में कोई भी समिति का मुखिया नहीं होता है और श्रीराम के भरोसे विगत चालीस वर्ष से यह धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन चल रहा है। श्री राम विवाह महोत्सव 6 दिसंबर को होने जा रहा है।

श्री राम महोत्सव देवल मंदिर काली समिति द्वारा विवाह की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली हंै। श्री द्वारिकाधीश बड़े मंदिर तुलसी चौक से 6 दिसंबर शाम 6 बजे श्री राम बारात निकाली जायेगी। इस बारात में दूल्हों के साथ नगर के हजारों लोग बाराती बनेंगे। बारात करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके पुरानी इटारसी जनकपुरी पहुंचेगी। जहां सभी जोड़ों का विवाह संपन्न होगा। 1984 में राम विवाह एक जोड़े से शुरू हुआ राम बोलो इस मंदिर समिति का जयघोष और पहचान है, जहां राम नाम के साथ सारे काम होते हैं।

सेवादार जयप्रकाश करिया पटेल ने बताया कि देवल मंदिर के महंत ब्रह्मलीन दामोदर दास और सहारनपुर के महंत ब्रह्मलीन सुंदरदास जी रामायणी की प्रेरणा से साल 1984 में पहली बार राम विवाह एक जोड़े से शुरू हुआ, पहली बारात राम जानकी छोटा मंदिर से निकाली गई थी। दो साल सिर्फ राम विवाह हुए, इसके बाद साधु-संतों की पहल पर एक जोड़े से सामूहिक विवाह की शुरुआत हुई। इस भव्य आयोजन में चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, ऋषिकेश, ओरछा, सहारनपुर समेत पूरे देश से साधु-संतों, विद्वानों का समागम होता है। द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर से सामूहिक विवाह के दूल्हे राजा के साथ भगवान राम के साथ भव्य बरात जनकपुरी देवल मंदिर पहुंचती है। यहां हिंदू रीति से राम-जानकी के साथ सभी जोड़ों का विवाह कराया जाता है।

समिति के सहयोग से सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान, उपहार, कपड़े एवं अन्य सामग्री भेंट की जाती है। दुल्हन की तरह सज रही जनकपुरी देवल मंदिर को जनकपुरी की तरह सजाया है। पूरे परिसर को रंगोली सजाया, गोबर लेपन किया है। पुरानी इटारसी की महिलाएं माता सीता और भगवान श्री राम के विवाह की रस्मों में जुटी हैं, रसोई घर में स्वादिष्ट व्यंजन तैयार हो रहे हैं। हाइवे से लेकर मंदिर तक विद्युत साज-सज्जा, रंग रोगन, स्वागत तोरण द्वार लगाए हैं।

पूरा शहर इस आयोजन का साक्षी बनता है। 6 दिसंबर को गोधूलि बेला में श्री द्वारिकाधीश मंदिर से श्री राम जी की बारात पुरानी इटारसी के देवल मंदिर जनकपुरी के लिए प्रस्थान करेगी। भगवान राम की करीब 3 किमी. लंबी बारात में हाथी, घोड़े, बग्गी, दिलदिल घोड़ी, अखाड़े, रामसखियां, बैंड पार्टियां आकर्षण का केंद्र रहती हैं। एक बग्गी में राम दरबार सजाया जाता है, साथ में सभी दूल्हे राजा बारात लेकर जनकपुरी देवल मंदिर बारात लेकर पहुंचते हैं। यहां राजा राम और बारात की अगवानी होती है।

मंडप में नवयुगल भगवान राम एवं सीता के साथ एक ही मंडप में फेरे लेते हैं। इस अनूठे आयोजन में देश भर के अखाड़ों से जुड़े साधु-संत एवं विद्वान शामिल होते हैं। जिले भर के हिन्दू सनातनी परिवार इस आयोजन में सहभागी बनते हैं। गांव-गांव से भंडारे के लिए अनाज एवं दानराशि एकत्र की जाती है। समिति पूरी गृहस्थी का सामान, उपहार एवं जेवरात सभी जोड़ों को भेंट करती है।

यह शेष रहे कार्यक्रम

आज 5 दिसंबर गुरूवार सुबह मंडपाच्छादन एवं सत्यनारायण कथा सीताराम कीर्तन शुरु 6 दिसंबर शुक्रवार सुबह 9 बजे कन्या भोज एवं भंडारा, शाम 7 बजे आध्यात्मिक प्रवचन, रात 9 बजे देवी जागरण, रात 10 बजे बारात आगमन एवं स्वागत। रात 11 बजे जयमाला एवं प्रीतिभोज, रात 12 बजे पाणिग्रहण संस्कार 7 दिसंबर शनिवार सुबह 7 बजे विदाई समारोह।

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