- – मून का नाम कहीं फूलों पर तो कहीं नक्षत्रों पर – सारिका घारू
- – चंद्रमा का भी होता है नामकरण, हर माह बदलता है अपना नाम
इटारसी। हिन्दु मान्यता में चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस आधार पर किसी बच्चे का नामकरण किया जाता है लेकिन क्या चंद्रमा का भी नामकरण होता है? इसके बारे में बताते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा (गुरूवार 23 मई) के चंद्रमा को फ्लावर मून के नाम दिया गया है।
कुछ भागों में इसे प्लांटिंग मून और मिल्क मून भी कहा जा रहा है। कल गुरूवार 23 मई को शाम लगभग 7 बजे के आसपास यह फ्लावर मून की स्थिति में पूर्व दिशा में उदित होता दिखेगा। रात भर आकाश में रहकर सुबह सबेरे पश्चिम दिशा में अस्त होगा। सारिका ने बताया कि पश्चिमी देशों में मई में कई जंगली फूल खिलते हैं, संभवत: रंग बिरंगे फूलों ने वहां के निवासियों को चंद्रमा के इस नामकरण के लिए प्रेरित किया है।
आकाश में विभिन्न ग्रह एवं पूर्णिमा का चंद्रमा एक आकाशीय घड़ी के रूप मे कार्य करते हैं जिनसे दिन, महीने, साल का अनुमान लगाया जाता रहा है।भारत में माह का नामकरण पूर्णिमा पर चंद्रमा के आसपास स्थित नक्षत्र के नाम पर किया जाता रहा है, चूंकि आज चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में है तो इस महीने का नाम वैशाख था तथा यह पूर्णिमा वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया है। इस प्रकार चंद्रमा भी बदलता है, हर माह अपना नाम। अगला फ्लावर मून 12 मई 2025 को होगा।