नहीं माने, लॉकडाउन पर्यटन प्रेमी, समझाइश का असर नहीं

नहीं माने, लॉकडाउन पर्यटन प्रेमी, समझाइश का असर नहीं

इटारसी। कोरोना (corona) की तेज होती रफ्तार के बीच लॉकडाउन पर्यटन (Lockdown tourism) करने वालों की संख्या में कमी नहीं आयी है। इस बार कुछ कारोबार को प्रतिबंध से मिली छूट के कारण पुलिस और प्रशासन ने सख्त रवैया नहीं अपनाया है। आज 2021 के लॉकडाउन का पहला दिन होने के कारण भी पुलिस और प्रशासन ने समझाईश का रास्ता अपनाया है। मेडिकल और अन्य अतिआवश्यक कारणों से लोगों को मिली छूट का बेजा फायदा कुछ लोगों ने उठाया है। हालांकि ऐसे लोगों को समझाईश दी गयी है। दूसरा दिन शायद सख्ती भरा हो।

आपकी सुरक्षा के लिए सेवा में तत्पर प्रशासन के अधिकारी भी पॉजिटिव हो रहे हैं। अस्पताल में बेड पूरे भरे हैं, भोपाल में भी कोविड अस्पतालें फुल हैं। भरपूर पैसा देने के बावजूद जगह नहीं मिल रही। न बिस्तर मिल रहे, न आक्सीजन और ना ही इंजेक्शन। ऐसे में लॉकडाउन पर्यटन करने वालों को समझाईश की जगह सख्ती अपनाना ही बेहतर तरीका होगा। सबकुछ जानते, समझते हुए जो खुद के साथ नागरिकों की जान जोखिम में डालता हो, उसके साथ नरमी बरती जाना बेकार है। एक चौराहे पर मिली समझाईश को वह एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देता है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बातों को लोग मजाक में ले रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद आज कुछ लोग तो केवल माहौल देखने घरों से निकलते रहे हैं।

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धूप में भी की ड्यूटी
सरकारी अमला अपनी जान जोखिम में डालकर शहर के चौक-चौराहों पर तैनात रहा। चिलचिलाती धूप में राजस्व, नगर पालिका और पुलिस के कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाते रहे तो अफसरों की टीम शहर में राउंड पर भी रही। बावजूद इसके चौक-चौराहों को छोड़ बाजार में घुसने वालों ने दूसरे रास्ते अपनाये। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या कम ही थी। लेकिन, ऐसे लोगों को सबक सिखाने की जरूरत है। लॉक डाउन के कारण बाजार तो बंद रहा, अलबत्ता अधिकांश जगह सड़कें सूनी रहीं, केवल प्रशासन की टीम ही दिखाई दी। गली-मोहल्लों में प्रशासनिक अमला नहीं घूमा, जिससे कुछ मोहल्लों में दुकानें खुली रहीं और वहां युवाओं की टीम गुटखा-पाउच के साथ चर्चाओं में व्यस्त रही।

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