इटारसी। ग्राम सनखेड़ा में तालाब के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया। घायल के भाई की मदद के लिए पहुंचे ग्रामीण के साथ नशे में धुत एक हवालदार ने मारपीट की। सूचना मिलने पर एसपी ने हवालदार को लाइन हाजिर कर दिया है। घायल को यहां डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया है, जबकि प्रधान आरक्षक के हमले में घायल अनिल चौरे के सिर में गंभीर चोट हैं।
घटना रामपुर थाना अंतर्गत रात करीब 9 बजे की है। अनिल से मारपीट करने वाला प्रधान आरक्षक भी रामपुर थाने में पदस्थ है। दरअसल, अनिल ने दुर्घटना के बाद डायल-100 के देरी से पहुंचने पर नाराजी जतायी थी तो रामपुर थाने के प्रधान आरक्षक दिलीप सिंह ने उसके साथ लाठियों से मारपीट कर दी। सूचना मिलने पर एसपी गुरुकरन सिंह ने प्रधान आरक्षक दिलीप सिंह को लाइन अटैच कर दिया। मामले की जांच इटारसी एसडीओपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ग्राम पथौड़ी निवासी 49 वर्षीय रजनीश चौरे गुर्रा रेलवे स्टेशन के पास से अपनी खली चुनी की दुकान से रात अपने घर लौट रहे थे कि सनखेड़ा तालाब के पास एक ट्रैक्टर चालक ने उनकी बाइक में पीछे से टक्कर मार दी, जिससे रजनीश घायल हो गये।
रजनीश ने अपने छोटे भाई अनिल चौरे को फोन कर घटना की जानकारी दी। अनिल भाजपा नेता एवं ग्राम पथौड़ी के बूथ प्रभारी हैं। अनिल तुरंत अपनी कार से मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस की डायल-100 करीब एक घंटे की देरी से वहां पहुंची। जब घायल को अस्पताल ले जाने में देरी हुई तो अनिल ने इस पर आपत्ति जतायी। इसके बाद प्रधान आरक्षक दिलीप सिंह ने उनसे न सिर्फ नशे में गाली गलौच की, बल्कि उनके सिर में डंडे से वार किया। अनिल के सिर और हाथ-पैरों में गंभीर चोटें आईं। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
रामपुर थाना प्रभारी विपिन पाल, इटारसी टीआई गौरव सिंह बुंदेला, एसआई केएन रजक सहित अन्य पुलिसकर्मी व ग्रामीण भी अस्पताल पहुंचे। एसपी डॉ. गुरकरण सिंह ने प्रधान आरक्षक को लाइन हाजिर कर दिया है। मामले की जांच इटारसी एसडीओपी को सौंपी गई है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी। पुलिस ने शिकायत पर ट्रैक्टर चालक प्रदीप पिता दिनेश प्रजापति 38 वर्ष, निवासी पुरानी इटारसी के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने का प्रकरण दर्ज किया है। ट्रैक्टर चालक भी नशे में था। पुलिस के अनुसार रजनीश को साधारण चोट हैं, जिनका प्राथमिक उपचार करके घर भेज दिया है।