इटारसी। तिलक सिंदूर (Tilak Sindoor) में बने पार्क में हरे वृक्ष सूख रहे हैं, इनको देखभाल की जरूरत है और इसके लिए एक माली की नियुक्ति की जरूरत है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर किसी की नियुक्ति करनी चाहिए। कभी वीरान रहे इस क्षेत्र में तत्कालीन मंत्री और सिवनी मालवा के विधायक सरताज सिंह (Seoni Malwa MLA Sartaj Singh) ने एक रेस्ट हाउस और उसके सामने बागीचा बनवाया था। आज यह देखरेख के अभाव में सूखने की कगार पर है, इसकी देखरेख के लिए एक माली की आवश्यकता है। आज आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर (Tribal Service Committee Tilak Sindoor) की बैठक में भी इसी विषय पर चर्चा के प्रशासन से इस ओर ध्यान देकर कदम उठाने का अनुरोध किया है।
ग्रामीण भी हैं परेशान
जमानी से 3 किलोमीटर दूर विस्थापित गांव ग्राम झालई को विस्थापित हुए 4 वर्ष बीत गए लेकिन, अभी तक जमीन नहीं मिली है। परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है। मजबूरी में यहां के ग्रामीण अवैध कामों में लिप्त होने लगते हैं। अभी पिछले वर्षों में उन्होंने पेड़ काटना शुरु कर दिया था। प्रशासनको इनकी मजबूरी समझ कर समस्या के निदान का प्रयास करना चाहिए।
दे चुके कई बार आवेदन
आदिवासी सेवा समिति का मानना है कि यहां ग्रामीणों की समस्या की जानकारी प्रशासन है, क्योंकि ग्रामीण कई बार कलेक्टर एवं एसडीएम को ज्ञापन दे चुके हैं। अभी तक केवल आश्वासन ही मिला है। समिति ने प्रशासन से अपील की है कि इनकी जमीन निर्धारित करके दिलायी जाए ताकि आदिवासी कोई भी गलत कदम उठाने को मजबूर न हों। बैठक में विस्थापित गांव के अशोक ककोडिय़ा, मुन्नालाल परते, शेरसिंह भलावी, फूल सिंह उईके, प्यारे लाल धुर्वे, समिति अध्यक्ष बलदेव तेकाम, संरक्षक सुरेंद्र कुमार धुर्वे, उपाध्यक्ष मन्ना दादा, सचिव जितेंद्र इवने, सलाहकार अवध राम कुमरे, श्यामलाल वारिवा एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।