आदिवासी समाज ने मनायी वीरांगना रानी दुर्गावती 500 वी जन्म जयंती

Post by: Rohit Nage

Tribal society celebrated the 500th birth anniversary of the brave queen Durgavati.
  • समाज के युवाओं को सुनाई रानी दुर्गावती की वीरगाथा

इटारसी। आज वार्ड 3 रानी दुर्गावती तिराहा पर साहस नारी शक्ति के लिए प्रेरणा दायक वीरांगना रानी दुर्गावती मरावी की 500 वी जन्म जयंती दिवस को आदिवासी समाज द्वारा मनाया गया। आदिवासी नेता युवा पार्षद राहुल प्रधान ने रानी दुर्गावती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अपने जीवन में 14 वर्षों तक सफलता पूर्वक स्वतंत्र शासन किया। रानी दुर्गावती का नाम भारत की उन महानतम वीरांगनाओं की सबसे अग्रिम पंक्ति में आता है, जिन्होंने मात्रभूमि और अपने आत्मसम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया।

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रानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीरत सिंह की पुत्री और गोंड राजा दलपत शाह की पत्नी थीं। इनका राज्य क्षेत्र दूर-दूर तक फैला था। रानी दुर्गावती बहुत ही कुशल शासिका थीं, इनके शासन काल में प्रजा बहुत सुखी थी और राज्य की ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी थी। इनके राज्य पर न केवल अकबर बल्कि मालवा के शासक बाजबहादुर की भी नजर थी। रानी ने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े और उनमें विजय भी पाई।

आदिवासी छात्र संगठन प्रदेश सचिव आकाश कुशराम ने बताया कि रानी दुर्गावती का जन्म चंदेल राजा कीरत राय (कीर्तिसिंह चंदेल) के परिवार में कालिंजर के किले में 5 अक्टूबर 1524 में हुआ था। राजा कीरत राय की पुत्री का जन्म दुर्गा अष्टमी के दिन होने के कारण उसका नाम दुर्गावती रखा गया। वर्तमान में कालिंजर उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में आता है। इनके पिता राजा कीरत राय का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता था।

इनका संबंध उस चंदेल राजवंश से था, राजा विद्याधर ने महमूद गजनवी को युद्ध में खदेड़ा था और विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के कंदारिया महादेव मंदिर का निर्माण करवाया। कन्या दुर्गावती का बचपन उस माहोल में बीता जिस राजवंश ने अपने मान सम्मान के लिये कई लडाइयां लड़ी। कन्या दुर्गावती ने इसी कारण बचपन से ही अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा भी प्राप्त की।
इस अवसर पर आदिवासी समाज के वरिष्ठ जन भगवान सिंह सल्लाम, बंटी धुर्वे, कन्नू धुर्वे, पप्पू इवने, रजत मर्सकोले, संजय युवने के साथ बड़ी संख्या में मातृशक्तियों गीता कुशराम, हल्की बाई, ग्यारसी बाई, शीला, एकलव्य कोचिंग संस्थान के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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