Fraud: अगर आपसे भी कोई नौकरी के नाम पर मांग रहा है पैसा, तो न आए झांसे में
नौकरी(Job) का झांसा देकर ठग लिए ढाई लाख रुपए, जानिए क्या है पूरी कहानी
बैतूल। कोरोना महामारी(Corona Mahamari) के चलते कई युवा बेरोजगार हो गए है। ऐसे में सभी को नौकरी की तलाश है। इसी बीच कई ठग आपसे नौकरी दिलाने के नाम पर आपसे पैसे ठंग लेते है। ऐसा ही एक मामला बैतूल का आया है। जो जेल प्रहरी(Jail Prahari) की नौकरी दिलाने के नाम पर एक आदिवासी युवक से दंपती द्वारा ढाई लाख रुपए की धोखाधड़ी की है।
वर्दी सिलवाकर और बेल्ट, केप, जूते दिए
नौकरी लगाने के नाम पर युवक को वर्दी सिलवाकर और बेल्ट, केप, जूते दिए थे। ट्रेनिंग जबलपुर और होशंगाबाद में होने की बात कही थी। पीडित युवक ने इस संबंध में एसपी से शिकायत की थी। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी दंपती पर केस दर्ज कर गिर तार कर लिया है। आरोपी पति को पीआर के बाद जेल भेज दिया है। वही पत्नी की जमानत हो गई है। हमलापुर निवासी मनीष अखंडे ने बताया कि फरवरी 2016 में मालवीय वार्ड खंजनपुर में रहने वाले इंद्रकुमार पाल ने जेल प्रहरी के पद पर नौकरी दिलाने का लालच देकर कभी फार्म भरवाने तो कभी भर्ती करने वाले अधिकारियों के नाम पर दो महीने में ढाई लाख रुपए अपनी पत्नी सुनंदा पाल के खाते में डलवा लिए।
वर्दी देकर होशंगाबाद में नौकरी दिलाने का झांसा दिया
इतनी राशि लेने के बाद जालसाज इंद्र कुमार ने उसे पुलिस की वर्दी बेल्ट और केप देकर होशंगाबाद जेल में प्रहरी की नौकरी लग जाने की बात कहकर उसे दो से तीन बार अपने परिचित के घर रुकवाया। तीसरी बार उसे जेल परिसर में छोड़कर वहां से फरार हो गया। घर वापस पहुंचने पर मनीष ने इंद्रकुमार से संपर्क किया तो उसने सेटिंग वाले अधिकारी का ट्रांसफर हो जाने की बात कही और दोबारा संपर्क नहीं करने की बात कही। परेशान करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीडि़त ने एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने आरोपी दंपती पर धारा ४२० के तहत केस दर्ज कर गिर तार किया हैै। इन्द्रपाल आय.जाति स्थाई प्रमाण पत्र बनाने का काम करता था। वही पत्नी आंगनबाड़ी में खाना बनाने का काम करती है।
आरोपी खुद को बताता था उप जेेलर
पीडित मनीष का कहना है कि जब इंद्रकुमार मिला था तो वर्दी पहनकर आया थाए जो अपने को सेक्टर उप जेलर बताता था। पहले फार्म भरवाने के नाम पर 520 रुपए और दस्तावेज लिए। उसके बाद खाते में पैसे डलवाना शुरू किया। पैसे पूरे हो गए तो बड़ी मेडम बड़े साहब से मिलने की बात कहकर बार.बार घर आता था और मुझे मिसरोद अपने रिश्तेदार के घर लेकर जाता था। उसी जगह से मेरे दस्तावेजों के साथ रखी खाते में जमा किए गए रुपयों की पर्चियां भी चोरी हो गई।