इटारसी। न्यायालय ने शासकीय अधिवक्त भूरेसिंह भदौरिया एवं राजीव शुक्ला की सटीक पैरवी पर आज हत्या एक आरोपी को आजीवन और दूसरे को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में शासकीय अधिवक्ताओं ने न्यायालय के समक्ष 13 गवाह और 28 दस्तावेज पेश किये थे।
एजीपी भूरे सिंह भदौरिया ने बताया कि 2014 को फरियादी भागराम ने उसकी पत्नी ओरिया बाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट केसला थाने में की थी। भागराम ने बताया था कि उसके पड़ोसी माखन कोरकु पर उसको शक है कि उसने जादू टोना कर मेरी पत्नी भूरिया बाई की हत्या की है। पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर आरोपी माखन को धारा 302 भारतीय दंड संहिता एवं 201 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत गिरफ्तार किया। आरोपी ने बताया कि उसने भूरिया बाई को कुल्हाड़ी और पत्थर से बड़ा डोल के जंगल में ले जाकर मार डाला। उसके भाई राजू बारस्कर ने लाश को 2 किलोमीटर दूर ले जाकर पहाडिय़ों के बीच में छुपा दिया।
प्रकरण की सुनवाई तृतीय अपर सत्र जिला न्यायाधीश इटारसी श्रीमती सुशीला वर्मा के न्यायालय में हुई। एजीपी भूरे सिंह भदौरिया ने बताया कि उपरोक्त प्रकरण में 13 गवाह का न्यायालय में परीक्षण कराया एवं घटना से संबंधित करीब 28 सबूत पेश किए। न्यायालय ने आरोपी माखन बारस्कर को धारा 302 भारतीय दंड संहिता में आजीवन कारावास एवं 1000 रुपए जुर्माना एवं धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास एवं 500 रुपए जुर्माना, आरोपी राजू बारस्कर को धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास एवं 500 के जुर्माने से दंडित किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर जिला जेल नर्मदा पुरम भेजा।