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दो महिलाओं ने की 15 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत

इटारसी। सिटी थाना (City Thana) में दो महिलाओं ने उनके साथ बैंक और पोस्ट आफिस (Post Office) के एजेंट द्वारा 15 लाख की कथित धोखाधड़ी करने संबंधी एक आवेदन देकर मामले में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर राशि दिलाने की मांग की है।
प्रार्थी जूली एवं मालती मालवीय ने थाना प्रभारी के नाम दिये आवेदन में कहा कि प्रीति पटेल एजेंसी के एजेंट दिलीप पिता रामेश्वर पटेल द्वारा पोस्ट आफिस इटारसी, पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) एवं सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) के खातों से संबंधित शाखाओं के कर्मचारी के साथ मिलीभगत कर, धोखाधड़ी, जालसाजी व 420 कर करीब 15 लाख रुपए की ठगी की है।

इन खातों से निकाली इतनी राशि
पंजाब नेशनल बैंक खाता 02140001090620003 से
14 नवंबर 2017 को चेक नंबर 417881 से 50 हजार
20 नवंबर 2017 को चेक नंबर 417882 से 50 हजार
20 नवंबर 2017 को चेक नंबर 417883 से 2.50 हजार

बैंक खाता नंबर 77902200026117 सिंडीकेट बैंक
5 दिसंबर 2018 को चेक नंबर 290041618938 – 40 हजार
9 सितंबर 2019 को चेक नंबर 290041618939 – 1 लाख रुपए
10 फरवरी 2020 को चेक नंबर 290041618940 – 50 हजार
पोस्ट आफिस बैंक खाता नंबर 9353869432
30 जुलाई 2018 2,75,000

मालती मालवीय के पीओ खाता नंबर 9353638663
10 जुलाई 17 2,00,000
19 जुलाई 17 2,00,000
5 सितंबर 2017 2,00,000
14 दिसंबर 2017 50,000
15 दिसंबर 2017 50,000

शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने बैंक शाखाओं से कभी चैकबुक की मांग नहीं थी। संबंधित शाखाओं ने समस्त राशि की निकासी उनकी अनुपस्थिति में की है। उनके पेनकार्ड, आधार कार्ड व लायसेंस संबंधित सभी कार्य मार्फत प्रीति पटेल एजेंसी दिलीप पटेल ने किये हैं, जिनके बैंक का लेनदेन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पति कमलेश मालवीय व ससुर रमेश मालवीय की मृत्यु के बाद पुत्री प्राची मालवीय, आस्था मालवीय व मुस्कान मालवीय सहित पांच महिला सदस्य ही हैं। बैंक और पोस्ट आफिस की पासबुक पति के समय से लगभग 6-7 वर्षों से दिलीप पटेल के पास ही है। 2020 में पासबुक लेने के बाद जब सिंडीकेट बैंक की पासबुक एंट्री कराने पर खातों से रुपए निकलने की जानकारी मिली।

इनका कहना है…
आवेदन मिला है। यह जांच का विषय है कि इतने चेक साइन करके कैसे दिये गये। आवेदक ने चेक की डिमांड बैंक से की है या नहीं यह भी जांच का विषय है। आवेदन पर जांच के आदेश दे दिये हैं, जांच के बाद ही वस्तुस्थिति स्पष्ट होगी।
रामस्नेह चौहान (Ramsneh Chauhan, TI)

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