सुभाष पँवार/आज से दो हजार साल पहले यरुशलम के एक पहाड़ पर बिना किसी कारण के प्रभु यीशु मसीह को क्रूस (सूली) पर चढ़ाया गया था। मगर प्रभु यीशु मसीह तीसरे दिन अपनी कब्र में से जी उठे। आज भी उनकी कब्र खुली है। अपने जी उठने के बाद अपने चेलों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए।
उन्होंने कहा-‘परमपिता परमेश्वर की दृष्टि में हम सब परमेश्वर की संतान हैं, वे एक राजा बनकर आए थे जिसका राज्य पूर्णतया आध्यात्मिक है। जिस क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह को चढ़ाया गया, उस पर उस समय की यूनानी भाषा में लिखा था-“नासरत का यीशु यहूदियों का राजा है।” लेकिन वे लोग अनजाने में मसीह को क्रूस पर चढ़ा रहे थे।’
पवित्र धर्मग्रंथों की मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु अपनी मृत्यु के ठीक तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे उठे। प्रभु के इसी जी उठने के अवसर को पुनरुत्थान पर्व कहा जाता है। मसीही जगत में यह पर्व सभी पर्वों पर एक प्रमाणीकरण (वेलिडेशन ) है जो यह बताता है कि जिन्होंने भी प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया है उनका विश्वास सच्चा है एवं वे सारी प्रतिज्ञाएं एवं कथन जो प्रभु यीशु ने कहे है वे अवश्य पूर्ण होंगे। आज इटारसी नगर की सभी कलीसियाओं के साथ साथ सारे देश एवं दुनिया में सभी लोग जो प्रभु यीशु मसीह से प्रेम करते हैं बहुत आनंदित है। प्रभु ईशु आज भी जीवित है। वह किसी क़ब्र में नहीं है आज वह हर विश्वास करने वाले के हृदय में राज्य करता है। मसीही लोग बड़े आनंद के साथ एक दूसरे को बधाई देते हैं और इस पर्व को बनाते हैं। चूंकि कोरोनाकाल के चलते अनेक स्थानों पर प्रतिबंध हैं, नयी मर्यादाएं हैं, सुरक्षा की गाइडलाइन हैं फिर भी इस पर्व की आस्था में कोई कमी नहीं है। मसीही लोग देश के अच्छे नागरिक के रूप में सारे नियमों के तहत इस पर्व को मनाते हुए अपने प्रदेश ही नहीं, परंतु सारी दुनिया के लिए प्रार्थना कर रहे हैं कि दुनिया से यह महामारी जल्द समाप्त हो, देश में शांति, ख़ुशहाली, भाईचारा और भक्तिभाव अधिक बढ़ते जाएँ। मैं सभी नगरवासियों व देशवासियों को प्रभु यीशु के पुनरुत्थान पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। प्रभु यीशु आप के जीवन में समृद्धि, शांति, उत्तम स्वास्थ्य और एक उत्तम भक्तिभाव का संचार करें।
रेव्ह. डॉ. सुभाष पँवार
एसेम्बली ऑफ़ क्राइस्ट चर्च इटारसी