इटारसी। रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) में जारी युद्ध के बीच इटारसी (Itarsi) निवासी तीन छात्र रोमानिया (Romania) के बुखारेस्ट (Bucharest) शहर में सुरक्षित हैं, वे जल्द ही भारत सरकार की फ्लाइट से वतन वापसी करेंगे। साकेत निवासी छात्रा आयुषी बड़कुर (Ayushi Badkur) को फ्लाइट (Flight) मिलने के बाद वे जल्द ही अपने गांव पहुंच जाएंगी। जिले के सारे बच्चों का अपडे (Updates) जिला प्रशासन और पुलिस ले रही है। लगातार राज्य सरकार के जरिए इनके परिवार से मिला इनपुट (Input) केन्द्र सरकार तक जा रहा है। सहायक पुलिस निरीक्षक संजय रघुवंशी (Sanjay Raghuvanshi) ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी हंसकुमार चौधरी (Hanskumar Choudhary) का बेटा सुधांशु चौधरी (Sudhanshu Choudhary) एमबीबीएस (MBBS) तीसरे साल की पढ़ाई करने यूक्रेन की टेरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ternopil State Medical Universit) (टर्नोपिल सिटी) में था। जब युद्ध शुरू हो गया तो उसके साथ अन्य बच्चों को सुरक्षित घर लाने के प्रयास तेज हुए। पिता ने भरोसा जताया कि सारे बच्चे महफूज हैं। जल्द ही सभी अपने घर आ जाएंगे। सुधांशु से नेटवर्क (Network) न होने से बात नहीं हो रही है। वह लगातार व्हाट्सएप चेटिंग (WhatsApp Chatting) के जरिए अपडेट दे रहा है। रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए बेहतर इंतजाम किए हैं। साकेत की आयुषी बड़कुर के पिता रामप्रकाश बड़कुर (Ramprakash Badkur) ने पुलिस को बताया कि बेटी आयुषी यूक्रेन के टेरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की छात्रा है, उसे फ्लाइट मिल गई है, वह दिल्ली (Delhi) पहुंच चुकी है। ग्रेंड एवेन्यू कालोनी (Grand Avenue Colony) में रहने वाले दिलीप भावसार (Dileep Bhavsar) का बेटा वेदांश (Vedansh) भी दो साल से यूक्रेन में है, वह भी एमबीबीएस की तैयारी कर रहा है। लगातार वह संचार माध्यम के जरिए परिवार के संपर्क में हैं। भावसार ने कहा कि हमारे अलावा देश के सारे बच्चे सुरक्षित घर वापसी कर लें, यही प्रार्थना कर रहे हैं। रघुवंशी ने बताया कि कंट्रोल संदेश पर सभी बच्चों के परिवारों से मिलने टीम गई थी। पुलिस ने कहा है कि यदि बच्चों से किसी भी तरह की जानकारी लगे या मदद की जरूरत हो तो तत्काल पुलिस से संपर्क करें।
आयुषी ने किया संघर्ष
साकेत निवासी मेडीकल छात्रा आयुषी ने पिता को बताया कि रोमानिया से भारत के लिए बुधवार सुबह फ्लाइट से रवाना हो चुकी है। आज उनके दिल्ली पहुंचे की उम्मीद है। घर वापसी के लिए आयुषी के साथ इंदौर निवासी खुशी शर्मा, भोपाल निवासी एमी राघो और अन्य छात्र-छात्राओं को तकलीफ भी उठाना पड़ी। आयुषी के पिता रामप्रसाद ने कहा कि करीब 7 किमी तक बेटी को पैदल आना पड़ा। वहां माइनस 6 डिग्री तापमान के बीच बच्चे दो दिन फंसे रहे। तीन गुना किराया देकर वे रोमानिया सीमा तक पहुंचे थे, जाम लगने के डर से चालक ने सीमा से 7 किमी दूर पहले उतार दिया। यहां से वे पैदल चले। दो दिन की मेहनत के बाद फ्लाइट में सीट कंफर्म हुई।
तनुजा सकुशल दिल्ली पहुंच गई
इधर यूक्रेन के पोलतावा शहर में चिकित्सा अध्ययन के लिए गईं इटारसी की छात्रा तनुजा पटेल (Tanuja Patel) 4 दिन के लंबे संघर्ष के बाद किसी तरह गुरूवार सुबह की फ्लाइट से सकुशल दिल्ली पहुंच गई हैं। भारत वापस आकर तनुजा और उनके परिवार ने राहत की सांस ली है। रोमानिया बार्डर पार करने के बाद वे यहां की राजधानी बुखारेस्ट पहुंची। यहां के महापौर एवं पुलिस ने उनकी काफी मदद की।