ultimatum : मूंग खरीदी की तिथि घोषित नहीं हुई तो किसान करेंगे प्रदर्शन
– अभी तक नहीं तय हुआ सरकार खरीदेगी या व्यापारी
– भारतीय किसान संघ ने सरकार से खरीदी करने की मांग की
इटारसी। तहसील में इस बार मूंग उत्पादन काफी अधिक हुआ है। पिछले साल सरकार की खरीदी और समर्थन मूल्य के लगभग कीमत मिलने से किसान ने इस साल खूब मूंग की बोआई कर दी है। अब फसल लहलहा उठी है। एक हफ्ते में इसकी कटाई भी शुरू हो जाएगी, लेकिन किसान इसे लेकर चितिंत और असमंजस में है कि उपज लेकर बेचने कहां जाएं? किसानों ने अल्टीमेटम दिया कि अगर खरीदी की तिथि, समर्थन मूल्य व पंजीयन घोषित नहीं की, तो किसान धरना- प्रदर्शन करेंगे।
किसानों का कहना है कि मूंग की खरीदी के लिए सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। चूंकि पिछले साल सरकार ने खरीदी की थी। इस वजह से किसान को फायदा हुआ। इस बार अगर सरकार ने खरीदी नहीं की, तो मजबूरी में व्यापारियों को बेचना होगा, जोकि काफी कम कीमतों में खरीदेंगे। इससे किसानों को काफी बड़ा नुकसान होगा।
समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग
पथरोटा के किसान राजेश बड़ोलिया के अनुसार दो साल पहले भी शासन से निर्देश जारी नहीं होने से किसानों को मूंग 6500 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर बेचना पड़ा, जिससे कई किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हुआ है। हालांकि पिछले साल यही मूंग सरकारी खरीदी के कारण 7200 रुपए की ऊंचाई तक बिका था, जबकि समर्थन मूल्य 7050 रुपए था। बीज और खाद की बढ़ती कीमतों के बाद मूंग का समर्थन मूल्य भी सरकार अधिक घोषित करें।
तारीख जल्दी घोषित करे सरकार
जमानी के किसान विनोद ने बताया कि इस साल किसानों ने मेहनत कर मूंग का उत्पादन तो कर लिया, लेकिन अभी तक मूंग के पंजीयन को लेकर शासन स्तर से कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं कि पंजीयन कब से शुरू होंगे? सरकार जल्दी मूंग खरीदी को लेकर स्पष्ट आदेश जारी करें।
खरीदी शुरू नहीं की, तो किसान करेंगे प्रदर्शन
भारतीय किसान संघ के जिला महामंत्री रजत दुबे ने बताया कि इटारसी तहसील के लगभग 25,000 हेक्टेयर में मूंग की बोबनी हुई है। अगर सरकार अगले तीन दिन में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी की तारीख घोषित नहीं करेगी, तो किसानों का एक बड़ा तबका सरकार के प्रति प्रदर्शन कर नाराजगी व्यक्त करेगा। पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के कारणइस साल जिले में 95 प्रतिशत किसानों ने मूंग की बोवनी की है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने से व्यापारियों को अपनी उपज औनेपौने दामों पर बेचने को किसान मजबूर होगा।
इनका कहना है…
जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग का बंपर उत्पादन हुआ है। इस बार मूंग खरीदी 2000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। शासन स्तर से अभी समर्थन मूल्य पर इसे बेचने के लिए पंजीयन-सत्यापन को लेकर दिशा-निर्देश नहीं आए हैं।
-जेआर हेडाऊ, उप संचालक, कृषि विभाग नर्मदापुरम