- पिछले वर्ष रेलवे ने दो पंपों से निकाला था यहां का पानी
- इस वर्ष रेलवे ने नहीं ली सुध, प्रशासन ने बंद किया मार्ग
इटारसी। करीब चार दिन से नई गरीबी लाइन (New Poverty Line) के रेलवे (Railway) के अंडर ब्रिज (Under Bridge) से यातायात बंद है। अब केवल ओवरब्रिज (Over Bridge) से ही यातायात चल रहा है। सोनासांवरी (Sonasaanwari) का गेट ओवर ब्रिज बनने से और बारिश के कारण रेलवे पुल के नीचे से मार्ग बंद हो गया है। हजारों वाहनों के लिए नई गरीबी लाइन का अंडर ब्रिज बड़ा सहारा था, जिसके लिए वर्षों संघर्ष हुआ था। यह अंडरब्रिज बीते मानसून सत्र में रेलवे द्वारा पानी निकासी की व्यवस्था करने से बारिश के अधिकांश दिनों में चालू रहा, इस वर्ष रेलवे ने व्यवस्था नहीं की और यह विगत करीब चार दिन से बंद है और वाहन चालकों के साथ अन्य राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है। नागरिकों ने रेलवे से पंप के जरिए पानी निकालकर इसे चालू करने का अनुरोध किया है।
बड़ी आबादी करती है उपयोग
इस मार्ग का उपयोग शहर की बड़ी आबादी करती है। औद्योगिक क्षेत्र के लगभग सभी उद्योगति, खेड़ा क्षेत्र, पीपल मोहल्ला आदि जगह व्यापार करने वाले, कृषि उपज मंडी के व्यापारी, हम्माल, मजदूर, कर्मचारी, शहर के पूर्वी हिस्से के ग्रामीण, बंगलिया, पीपल मोहल्ला, अवाम नगर, खेड़ा के नागरिक इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। इस मार्ग के बंद हो जाने से सभी को परेशानी हो रही है। विगत चार दिन से वे सभी अंडरब्रिज तक जाकर वापस लौट रहे हैं, जिन्हें नहीं पता कि यह मार्ग पानी भरा होने से बंद कर दिया है। इनमें कुछ मरीजों को ले जा रहे एम्बुलेंस के चालक होते हैं तो कुछ स्टुडेंट जिन्हें सुबह शहर के पूर्वी हिस्से के स्कूलों में आना-जाना होता है।
आखिर क्या हुआ शेड योजना का?
पूर्व में ऐसी जानकारी मिली थी कि इस अंडरब्रिज के दोनों तरफ शेड लगाने की योजना तैयार है और उसे मंजूरी भी मिल गयी है। लेकिन, उस योजना का क्या हुआ आज तक पता नहीं चला। शेड तो लगे नहीं, उस पर पिछले वर्ष रेलवे ने जो पंप हाउस बनाकर पानी निकालने का काम किया था, इस वर्ष वह भी बंद कर दिया। विगत करीब तीन वर्ष में यह पहली बार हुआ है कि अंडरब्रिज चार दिन से बंद है और सैंकड़ों वाहन चालकों को यहां तक आकर वापस लौटना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
मुझे आपसे ही जानकारी मिल रही है, मैं स्थानीय अधिकारियों से बात करता हूं। यदि ज्यादा पानी है, पिछले वर्ष रेलवे ने निकलवाया है तो इस वर्ष भी निकाला जाएगा। जहां तक शेड की योजना की बात है, मैं जानकारी लेकर ही कुछ कह सकूंगा।
नवल अग्रवाल, पीआरओ, भोपाल