बेमौसम पानी ने किसानों को डाला परेशानी में

बेमौसम पानी ने किसानों को डाला परेशानी में

इटारसी। बेमौसम पानी (off-season water) ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। जिनकी फसल कटकर खलिहान में पहुंची, उसे भी नुकसान हो रहा है और जिनकी फसल अभी पकककर खेत में है, उसको भी उत्पादन प्रभावित होने का भय सता रहा है। मौसम यदि साफ हो जाए तो अभी भी नुकसान से बचा जा सकता है। लेकिन, बारिश का दौर जारी रहा तो किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। बेमौसम बारिश से ग्राम बोरतलाई के किसान को तो लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है, उनकी मक्के की फसल कटकर, थे्रसिंग होकर खलिहान में थी और बारिश से दाना भीग गया।
किसान ने फसल तो सुखाने के लिए फैलायी थी। लेकिन, बारिश (Barish) ने अरमानों पर पानी फेर दिया। फसल सूखने की जगह भीग गयी। किसान का कहना है कि उसे 14-15 लाख का नुकसान हो सकता है। इधर जमानी क्षेत्र में भी धान, मक्का और ज्वार की फसल थी। कुछ किसान फसल निकालने की तैयारी में थे कि बारिश शुरु होने से उनका काम रुक गया। ऐसे में ज्यादातर किसानों को डर सताने लगा है कि यदि बारिश का दौर कुछ दिन और चला तो उनको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ग्राम बोरतलाई के किसान रविन्द्र चौबे की कहानी कुछ इस प्रकार है कि उन्होंने करीब साठ एकड़ खेतिहर जमीन सिकमी पर ली थी। पचास एकड़ में मक्के की फसल लगायी थी। दो दिन पूर्व ही मक्का तुड़वाकर खेलिहान में सुखाने के लिए थे्रसिंग कराके फैलाया था ताकि मंडी में उसे बेचा जा सके। उन्होंने करीब छह-सात सौ क्विंटल मक्का फैलाया सुखाने के लिए था, लेकिन बारिश से वह सारा मक्का भीग गया। किसान रविन्द्र चौबे का कहना है कि बारिश से भीगकर मक्के की दाने सडऩे लगे हैं। उनका कहना है कि उनको 14-15 लाख रुपए के नुकसान की आशंका है।

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ये जतन भी सफल नहीं हुए
किसान रविन्द्र चौबे ने भुट्टे मजदूरों से हाथ से तुड़वाये। उनकी थ्रेसिंग कराके दाना निकलवाया और बेचने से पहले सुखाने के लिए खलिहान में फैलाया। इस बीच बारिश का मौसम बना तो इतनी बड़ी मात्रा में इतनी जल्दी मक्के को उठाया नहीं जा सकता था। किसान ने तिरपाल बिछाकर फसल को बचाने का प्रयास तो किया, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि पानी भीतर घुस गया और दाना भीग गया। मजदूरों से पानी निकलवा रहे हैं। लेकिन तिरपाल हटाते हैं तो हर जगह पानी भरा मिल रहा है। ऐसे में उनको चिंता होने लगी है। श्री चौबे की मांग है कि प्रशासन सर्वे करे और उनके नुकसान पर मुआवजा प्रदान करे।

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बारिश ने काम रोक दिया है
ग्राम जमानी के उन्नत कृषक हेमंत दुबे का कहना है कि बारिश ने खेती के काम रोक दिये हैं। आसपास के ज्यादातर खेतों में फसल खड़ी है और एक दो दिन में कटाई होनी थी। लेकिन बारिश होने से काम रुक गया है। जिन लोगों की धान या अन्य फसल अभी खेत में खड़ी है, उसमें दाना दागी होकर उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। जिनकी फसल कट चुकी है, लेकिन खुले में पड़ी थी, उनको भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उनकी स्वयं की ज्वार की फसल में आज तुड़ाई होनी थी, लेकिन कल शाम से ही पानी गिरने से उनको काम रोकना पड़ा है।

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