कृषि उपज मंडी(Agricultural produce market) में उपज खरीद व्यवस्था पर व्यापारियों और मंडी प्रशासन की बैठक
इटारसी। व्यापारियों, मंडी कर्मचारियों की लंबी हड़ताल के बाद अब मंडी में कामकाज पटरी पर लौट रहा है। खरीफ सीजन में मंडी परिसर में खरीद के लिए आज व्यापारियों और मंडी प्रशासन के बीच शुक्रवार की शाम को सभागार में एक बैठक हुई।
बैठक की अध्यक्षता अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं मंडी में भारसाधक अधिकारी एमएस रघुवंशी(MS Raghuwanshi) ने की। इस अवसर पर सचिव उमेश शर्मा बसेडिय़ा(Secretary Umesh Sharma Basedia), दि ग्रेन एंड सीड्स मर्चेन्ट्स एसोसिएशन(The Grain and Seeds Merchants Association) के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल(Chairman Rajendra Agrawal), अनिल राठी(Anil rathi), प्रदीप मालपानी, अक्कू ओसवाल, कैलाश शर्मा, नंदन अग्रवाल, मंटू ओसवाल, प्रदीप अग्रवाल, कम्मू अग्रवाल, दीपांशु अग्रवाल, रितेश अग्रवाल सहित अनेक व्यापारी मौजूद थे।
ये हुआ है निर्णय
मंडी प्रशासन(Market administration) और व्यापारियों के बीच चर्चा का मुख्य मुद्दा किसानों को समय पर भुगतान को लेकर रहा। इसी एक मुद्दे को लेकर यह बैठक आयोजित की थी। निर्णय के अनुसार दो लाख रुपए तक का नगद भुगतान उसी दिन करना होगा। शेष भुगतान दूसरे दिन आरटीजीएस(RTGS) के माध्यम से करना होगा। किसी साधारण या विपरीत परिस्थिति में यदि भुगतान नहीं कर पाते हैं तो एक दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद अगले दिन से 24 प्रतिशत ब्याज लगेगा जो पांच दिन तक देना होगा। इसके बाद व्यापारी की एफडीआर(FDR) से भुगतान किया जाएगा। यदि एफडीआर की राशि से अधिक भुगतान होगा तो व्यापारी की चल-अचल संपत्ति में से भुगतान किया जाएगा।
तीसरे नंबर पर आ गयी मंडी
इटारसी कृषि मंडी(Itarsi krasi mandi) अनाज खरीद के मामले में तीसरे नंबर पर आ गयी है। सूत्र बताते हैं कि यहां वर्षों से व्यापारी किसानों से अनाज खरीदी के बाद पुरातन व्यवस्था के अंतर्गत भुगतान करते हैं। पुरानी व्यवस्था के अनुसार व्यापारी अनाज खरीदी के बाद पैसा देने के लिए बाजार में स्थिति अपने आफिसों में बुलाते हैं, जिससे किसान अब यहां अनाज लाने में कम रुचि ले रहा है। बाजार जाने में उसे परेशानी हो रही है। वह ट्रैक्टर-ट्राली लेकर जाता है तो उसे दूर खड़ी करना पड़ता है, पुलिस परेशान करती है। फिर बाजार से बड़ी राशि लेकर आने में लूट या छीने जाने का खतरा भी बना रहता है, भीड़ में वह पहचान नहीं पाता है कि कौन किस नीयत से उस पर नजर रख रहा है।
पिपरिया में बंपर आवक
पिपरिया कृषि उपज मंडी(Pipariya karsi mandi) में इन दिनों बंपर आवक हो रही है। सूत्र बताते हैं कि जिले की अन्य मंडियों में मंडी परिसर से ही भुगतान की व्यवस्था होने से किसान वहां अपना अनाज ले जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इस वक्त पिपरिया उपज मंडी में 18 हजार क्विंटल प्रतिदिन तक की आवक हो रही है, जबकि कभी तीन-चार हजार क्विंटल प्रतिदिन की आवक वाली बानापुरा कृषि उपज मंडी में भी आठ से दस हजार क्विंटल प्रतिदिन की आवक हो रही है। इन मंडियों में किसानों को अपनी उपज का दाम तत्काल मिलने से किसान इन मंडियों की ओर रुख करने लगे हैं। यही कारण रहा कि इटारसी मंडी प्रबंधन को भुगतान व्यवस्था सुचारू करने के लिए व्यापारियों से बात करनी पड़ी।
इनका कहना है….
खरीफ सीजन की फसल धान, मक्का व अन्य की खरीद और भुगतान व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए आज एसडीओ राजस्व और भारसाधक अधिकारी ने मंडी में खरीद करने वाले व्यापारियों से बातचीत की है। दो लाख तक नगद और शेष आरटीजीएस से भुगतान व्यवस्था पर सहमति बनी है।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा(Umesh Basedia Sharma), सचिव इटारसी मंडी