इटारसी। भोपाल मंडी बोर्ड(Bhopal Mandi Board) में सरकार से चर्चा के बाद संयुक्त संघर्ष कर्मचारी मोर्चा ने फिलहाल कृषि उपज मंडी(Krashi Upaj Mandi) से हड़ताल(Strick) वापस ले ली है। लेकिन, अभी भी मंडियों में अनाज खरीदी में संशय की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, व्यापारियों ने अभी हड़ताल खत्म करने की कोई घोषणा नहीं की है। बता दें कि संयुक्त संघ मोर्चा कर्मचारी महासंघ के संरक्षक फौजदार की मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, प्रमुख सचिव कृषि, आयुक्त कृषि और संचालक मप्र मंडी बोर्ड भोपाल के मध्य चर्चा के बाद 11 सूत्री मांगों पर उपचुनाव बाद निराकरण के आश्वासन पर हड़ताल खत्म की गई है।
मंडी बोर्ड भोपाल में प्रतिनिधि के तौर पर शिव चौबे और संयुक्त संघर्ष मोर्चा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद मंडी कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर दी है और वे काम पर लौट आये हैं। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि शिव चौबे से आश्वासन मिला है कि उपचुनाव की आचार संहिता के कारण अभी कोई घोषणा नहीं हो सकती और ना ही लिखित आश्वासन दिया जा सकता है। उपचुनाव के बाद मांगों पर निराकरण होगा। इस आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित कर दी है।
इटारसी कृषि उपज मंडी के सचिव उमेश बसेडिय़ा शर्मा(Secretary Umesh Basedia Sharma) का कहना है कि कर्मचारी काम पर लौट आये हैं। किसान यदि अनाज लाता है तो व्यापारियों से बात करके खरीद प्रारंभ करायी जा सकती है। हालांकि दि गे्रन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल उनके प्रदेश नेतृत्व से ऐसा कोई संदेश नहीं आया है कि हड़ताल खत्म करना है। अत: व्यापारी अभी हड़ताल के निर्णय पर ही कायम हैं।
कैसे होगी अनाज की खरीद
मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गयी और वे काम पर भी आज लौट आये हैं। हड़ताल के कारण मंडियों में अनाज की खरीद भी बंद है। हड़ताल के कारण किसान भी अपनी उपज लेकर नहीं आ रहे हैं। इधर कर्मचारी भले ही वापस आ गये हों, उन्होंने हड़ताल निरस्त कर दी हो। यदि किसान अपनी उपज लेकर आ भी जाए तो खरीद कैसे होगी, क्योंकि व्यापारी तो अभी भी हड़ताल के निर्णय पर कायम हैं। जाहिर है, हड़ताल खत्म होने के बावजूद अभी मंडी में उपज खरीदी होने में संशय बरकरार है।
मॉडल एक्ट के विरोध में थे हड़ताल पर
मंडियों में खरीद करने वाले व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज कारोबार में मॉडल एक्ट लागू होने के बाद मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि 1 मई 2020 को अध्यादेश लाया गया है, जो कि प्रदेश के किसानों, हम्माल, तुलावटियों, व्यापारियों, मंडी और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के हित में नहीं है। व्यापारियों की मांग है कि इस अध्यादेश को तुरंत निरस्त किया जाए। साथ ही मंडियों में वसूल किए जाने वाले 1.70 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 0.50 प्रतिशत किया जाए।
मंडियों में ताले खुले
सोमवार से मंडी में ताले खुल गये हैं। लेकिन व्यापारी की हड़ताल के चलते नीलामी नहीं होगी। जानकारी के अनुसार मप्र कर्मचारी मोर्चा के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन पर कर्मचारी काम पर लौट आए, लेकिन व्यापारी महासंघ से अभी तक सरकार ने कोई चर्चा नहीं की है। मॉडल एक्ट के विरोध को लेकर जारी मंडी कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो गई है। सोमवार से मंडियों में ताले खुल गये हैं। कार्यालय में कामकाज शुरू हुआ है। व्यापारियों के हड़ताल से उपज की बिक्री नहीं होगी।
इनका कहना है…
संयुक्त संघर्ष मोर्चा कर्मचारी महासंघ ने 11 सूत्री मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल सरकार से मिले आश्वासन के बाद निरस्त कर दी है। हम तीन माह से 11 बिन्दुओं पर सरकार से मांग कर रहे हैं। फिलहाल उपचुनाव की आचार संहिता में घोषणा नहीं हो सकती है, अत: हड़ताल निरस्त की गई है।
रमेश सिंह, जिला उपाध्यक्ष संसंमोकम
मुख्य सचिव सहित सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शिव चौबे से मिले आश्वासन के बाद हमारे प्रादेशिक नेतृत्व ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है। अत: प्रदेश की सभी 259 मंडियों में आज से हड़ताल स्थगत की गई है।
गौतम सिंह रघुवंशी, तहसीलद अध्यक्ष संसंमोकम