होशंगाबाद। कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव(Commissioner Rajneesh Srivastava) ने कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रकरणों में पुलिस एवं जिला अभियोजन अधिकारियों के मध्य समन्वय हेतु नोडल अधिकारी बनाए जायें ताकि प्रकरणों का तत्परता से निराकरण हो सके। उन्होंने अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सतर्कता सलाहकार(Satarkta salahlkaar) एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में दिये।
बैठक में पुलिस उप महानिरीक्षक दीपक वर्मा(Deputy Inspector General of Police Deepak Verma), कलेक्टर होशंगाबाद धनंजय सिंह(Collector Hoshangabad Dhananjay Singh), कलेक्टर बैतूल राकेश सिंह(Collector Betul Rakesh Singh), कलेक्टर हरदा संजय गुप्ता(Collector Harda Sanjay Gupta), पुलिस अधीक्षक होशंगाबाद संतोष सिंह गौर(SP Santosh gour), पुलिस अधीक्षक हरदा मनीष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद सहित तीनों जिले के जिला अभियोजन अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग जेपी यादव द्वारा अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत प्रकरणो के संबंध में विभिन्न बिन्दुओ पर प्रस्तुतिकरण किया गया जिनपर बैठक में चर्चा की गई।
कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा कि अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरणो में अधिनियम के प्रावधानों के तहत पीडि़तों को समय पर राहत राशि दी जाए। कमिश्नर ने कहा कि जिन प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र के अभाव में राहत राशि का वितरण लंबित है, ऐसे प्रकरणो में आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति कर समयसीमा में जाति प्रमाणपत्र जारी करें। कमिश्नर े कहा कि आगामी समय में धार्मिक त्यौहारो/पर्वो पर कोरोना संक्रमण से सुरक्षा हेतु शासन की गाइड लाइन का गंभीरता से पालन कराया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत जनवरी 2020 से जुलाई 2020 तक पुलिस विभाग में दर्ज प्रकरणों, राहत पुनर्वास एवं अन्य सुविधाओं, अधिनियम अंतर्गत न्यायालयों में प्रचलित प्रकरणों की स्थिति की एवं अन्य प्रकरणों की समिति द्वारा समीक्षा की गई।