केसला के कुछ गांवों के ग्रामीणों ने की विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा

Post by: Rohit Nage

  • – गांवों में काम नहीं होने से नाराज हैं केसला ब्लाक के ग्रामीण
  • – अधिकारियों ने दिया था आश्वासन, आज तक नहीं किया पूरा
  • – पिछले चुनावों में बहिष्कार की घोषणा पर मिला था आश्वासन

इटारसी/केसला। पिछले विधानसभा चुनाव में प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर भरोसा करके छले गये केसला ब्लॉक के कुछ गांव के रहवासी अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना चुके हैं। इन गांवों के लोगों ने पिछले विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ अधिकारियों ने उनकी समस्याओं का निदान करने का आश्वासन दिया था, जो आज तक पूरा नहीं किया। अब ये ग्रामीण अंतिम चेतावनी के साथ आज कलेक्टर के समक्ष अपनी पीड़ा लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे।

ग्राम (टोला) पुरानी बंदी, पीपलपुरा, कलारीपट ग्राम पंचायत भरगदा में सड़क न होने के कारण विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करने का चेतावनी पत्र आज ग्रामीणों ने कलेक्टर जनसुनवाई में दिया है। ग्रामवासी का कहना है कि लगभग 55 वर्ष से सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य एवं आवागमन जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। बारिश के समय में स्कूल के बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानी होती है। सड़क खराब होने के कारण बारिश में शिक्षक, शिक्षिकाएं समय पर स्कूल नहीं आ पाते हैं और हम ग्रामवासियों को आने जाने में बहुत परेशानी होती है। डिलेवरी के लिए गांव तक एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है।, महिलाओं को जोखिम उठाकर बाइक से जर्जर सड़क के रास्ते अस्पताल ले जाना पड़ता है।

पहले भी लिया था बहिष्कार का निर्णय

ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से ग्रामवासी आवेदन कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सड़क नहीं बनी है। पिछले बार विधान सभा चुनाव के समय हमने चुनाव का विरोध किया था तब अतिरिक्त तहसीलदार इटारसी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत केसला ने उन्हें आश्वसन दिया था कि आपके गांव (टोलों) को जल्द से जल्द ग्राम घोषित करके आपके ग्रामों को नेशनल हाइवे रोड से जोड़ा जायेगा लेकिन आज तक ग्रामों को न घोषित किया है और ना ही हमारे ग्रामों को नेशनल हाइवे रोड से पक्की सड़क बनाकर जोड़ा गया है।

फिर दिया है चेतावनी पत्र

ग्रामीणों ने आज कलेक्टर जनसुनवाई में फिर पहुंचकर बताया कि हम लोगों ने बहुत बार प्रस्ताव दिया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई और इस बार हम ग्रामवासियों ने यह तय किया है कि अब हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम विधान सभा चुनाव का विरोध करते हुये वोट नहीं डालेंगे। ग्रामीणों ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए हमारी मांगों को पूरा करें।

नहीं मिला अपेक्षित जवाब

ग्रामीणों को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव के पूर्व उनके यहां कुछ न कुछ काम करने के लिए प्रशासन अवश्य पहल करेगा। लेकिन, उनको जनसुनवाई में कहा गया है कि बहुत जल्द ही चुनाव आचार संहिता लग जाएगी, ऐसे में काम होना संभव नहीं है। उनको कहा गया है कि दिसंबर के बाद ही ग्रामीणों की मांगों पर कुछ किया जा सकता है। अपेक्षित जवाब नहीं मिलने के बाद ग्रामीण वापस लौट गये और वे अपने फैसले पर फिलहाल अडिग हैं।

ये भी गये थे साथ में

करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीण आज जनसुनवाई में नर्मदापुरम गये थे। इनमें वार्ड 8 से पंच कन्हैया दामले, वार्ड 11 से संतराम शिलूकर, बदामी दामड़े, दुहाने, र्भिय खंडेलवार, उपसरपंच दौड़ी-झुनकर होतीलाल, पंच विनोद, पीपल पुरा से सुनील काजले, सरपंच अमरनाथ कलमे भरगदा, उमेश इरपाचे, जनपद सदस्य केसला विजय कांवरे सहित ग्रामीण महिलाएं शामिल रहीं।

ग्रामीणों का कहना…

हम अपने फैसले पर अडिग हैं, हमें जनसुनवाई में अपेक्षित जवाब नहीं मिला है। चुनाव आचार संहिता लगने की बात कहकर हमसे दिसंबर में आने को कहा है। हमारा निर्णय है कि हम विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे।

कन्हैया दामले, पंच

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