मुख्यमंत्री ने आचार्य विद्यासागर महाराज से लिया आशीर्वाद
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ज्ञान देने वाली, कौशल का विकास करने वाली और चरित्र निर्माण कर बेहतर नागरिक बनाने वाली शिक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति (new education policy) के तहत प्रदेश के स्कूलों में छठवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा दी जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने यह बात आज जबलपुर में पुण्य सलिला मां नर्मदा के तिलवाराघाट स्थित दयोदय तीर्थ स्थल परिसर में कही। इसके पहले मुख्यमंत्री चौहान ने यहां सपत्नीक आचार्य विद्यासागर महाराज (Acharya Vidyasagar Maharaj) के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज शिक्षक दिवस है और आचार्य विद्यासागर महाराज से बड़ा शिक्षक कौन हो सकता है, हम सबको उनके जीवन दर्शन और जनकल्याण कार्यों का अनुसरण करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां संचालित प्रतिभास्थली विद्यालय के माध्यम से छात्रों को सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा दी जा रही है।
हाथकरघा के माध्यम से आर्थिक स्वावलंबन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आचार्य ने हाथकरघा के माध्यम से आर्थिक स्वावलंबन का नया मार्ग दिखाया है। हाथकरघा से वस्त्र निर्माण कर अनेकों जनजातीय व आदिवासी बहनें रोजगार प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में महात्मा गांधी के बाद आचार्य श्री ने ही हाथकरघा को स्वावलंबन का प्रतीक बनाया है।
पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने यहां संचालित पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय (Operated Purnayu Ayurveda Hospital) एवं अनुसंधान विद्यापीठ का अवलोकन किया। यहां आयुर्वेद का सौ बिस्तरों का अस्पताल चल रहा है और इसे बढ़ाकर जल्दी ही 800 बिस्तरों की क्षमता की जावेगी। साथ ही गरीब और असहाय व्यक्तियों की यहां नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था रहेगी। राज्य शासन ने इसी शैक्षणिक सत्र से यहां सौ बालिकाओं के अध्ययन हेतु बी.ए.एम.एस. पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए महाविद्यालय शुरू करने की अनुमति प्रदान की है। इस महाविद्यालय का संचालन गुरूकुल पद्धति से होगा।
चल-चरखा केन्द्र का निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहां दयोदय तीर्थ परिसर में संचालित हाथकरघा वस्त्र निर्माण इकाई चल-चरखा केन्द्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री को ब्रह्मचारिणी दीदीयों ने यहां हाथकरघा से वस्त्र निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। चौहान ने यहां के निर्मित वस्त्रों के गुणवत्ता की जमकर सराहना की। इस दौरान प्रतिष्ठाचार्य विनय ब्रह्मचारी, ब्रह्मचारिणी दीदी, पूर्व राज्यमंत्री शरद जैन सहित परिसर में श्रृद्धालुगण मौजूद थे।