माटी मिलन यात्रा का बापू स्मृति कक्ष में आत्मीय स्वागत

माटी मिलन यात्रा का बापू स्मृति कक्ष में आत्मीय स्वागत

– दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली से जन्मस्थली तक निकाली गयी यात्रा
इटारसी। राष्ट्रकवि दादा माखनलाल चतुर्वेदी (National poet Dada Makhanlal Chaturvedi) की कर्मस्थली खंडवा (Khandwa) से जन्मस्थली माखननगर (बाबई) (Makhannagar (Babai)) के लिए निकली माटी मिलन यात्रा आज दोपहर इटारसी (Itarsi) पहुंची। ट्रेन (Train) से इटारसी आए माटी मिलन यात्रा के यात्रियों का स्वागत नगर के अनेक संगठनों ने यहां गोठी धर्मशाला (Gothi Dharamshala) स्थित बापू स्मृति कक्ष (Bapu Memorial Room) में किया गया।
राष्ट्रीय कवि माखनलाल चतुर्वेदी की 133 वी जयंती पर उनकी कर्मभूमि खंडवा के पत्रकारिता जगत के सदस्यों ने उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करन खंडवा से माखन नगर तक माटी मिलन यात्रा निकाली। खंडवा के पत्रकारों का दल महानगरी एक्सप्रेस (Mahanagari Express) से इटारसी पहुंचा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला नर्मदापुरम (Narmadapuram) के सदस्यों ने रेलवे स्टेशन पर दल का स्वागत किया और उन्हें गोठी धर्मशाला के बापू प्रवास कक्ष में लेकर पहुंचे।

MATI MILAN YATRA
महात्मा गांधी के चित्र पर सूत की माला पर अर्पण करने के बाद अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पत्रकार एवं गणमान्य लोगों बृज किशोर पटेल, राजकुमार दुबे, सुधीर गोठी, सुनील बाजपाई, सत्येंद्र तिवारी, रामकिशोर नाविक, शिव भारद्वाज, रोहित नागे, राहुल शरण, प्रदीप तिवारी, दिलीप शर्मा, अशोक सक्सेना, भगवान दास बेधड़क, जयप्रकाश अग्रवाल, सौरभ दुबे, सुनील दुबे ने दल के सदस्यों रिजवान अंसारी, संजय चौबे, मनीष व्यास, पंकज लाड़, अकील आजाद, डॉ मनोज अग्रवाल, सुश्री विभूति व्यास को सूत की माला पहना कर दादा माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन के आदर्शों को चरितार्थ किया।
दल के सदस्य पंकज लाड ने अपने उद्बोधन में कहा कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर दादा की कर्मभूमि खंडवा से जन्म भूमि माखननगर तक माटी मिलन यात्रा निकालने का एकमात्र उद्देश्य दादा माखनलाल के राष्ट्र के प्रति अगाध प्रेम एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में साहित्य व पत्रकारिता के माध्यम से दिय उनके अविस्मरणीय योगदान को नई पीढ़ी को परिचित कराना है? आभार रिजवान अंसारी ने माना। कार्यक्रम को सफल बनाने में बृजमोहन सोलंकी, विनीत चौकसे, राजेश व्यास, राजेश दुबे, सौरभ दुबे, संदीप सोनकर का सराहनीय योगदान रहा।

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AUTHORRohit

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