
नहर में पानी छोड़ा, छठ पूजा की चिंता खत्म
– कल रविवार को पथरोटा नहर पर होगी छठ की मुख्य पूजा
– तवा नहर में सौ क्यूसेक पानी छोड़ा, कल सुबह तक पहुंचेगा
– रविवार को डूबते सूर्य, सोमवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देंगे
इटारसी। तवा बांध की नहर में जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) ने सौ क्यूसेक पानी छोड़ दिया है। यह पानी कल सुबह तक इटारसी के पथरोटा से गुजरकर आगे बढ़ जाएगा। नहर में पानी छोडऩे के साथ ही छठ पूजा के लिए नहर पर पहुंचने वाले उत्तर भारतीय परिवारों की चिंता खत्म हो गयी है। नहर में पानी के लिए विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) ने नहर विभाग के अधिकारियों सहित जिला प्रशासन से बात की थी।
आज शाम जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) ने सौ क्यूसेक पानी तवा नहर में छोड़ दिया है। यह पानी सुबह तक पथरोटा पहुंच जाएगा, जो नहर की गंदगी भी बहाकर साथ ले जाएगा। शाम तक उत्तर भारतीय समाज को नहर के आसपास घाटों में सफाई मिल जाएगी। इसके अलावा समाज के सदस्य भी अभी आयोजन स्थल पर मौजूद हैं और कल होने वाली पूजा के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं।
नहर के घाट पर है गंदगी
वर्तमान में नहर के घाट सहित नहर के भीतर गंदगी है, जो पानी के तेज बहाव में आगे निकल जाएगी। नहर के भीतर भी ठहरे पानी में काई जमी हुई है जो पानी के भीतर जाकर पूजा करने वालों के लिए खतरनाक हो सकती है। फिसलन के कारण पानी में खड़े होना भी मुश्किल हो जाएगा।
उत्तर भारतीय समाज के वरिष्ठ सदस्य अधिवक्ता रघुवंश पांडेय (Senior Member Advocate Raghuvansh Pandey) बताते हैं कि नहर के आसपास भी बड़ी मात्रा में गंदगी है जिसे हम लोग साफ कर रहे हैं। नहर में पानी आने की खबर पर वे प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताते हैं कि विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) के प्रयासों से नहर में पानी आ रहा है, हम संपूर्ण समाज की ओर से उनका आभार व्यक्त करते हैं।
यहां जुटते हैं परिवार
छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। कल रविवार की शाम को नहर पर डूबते सूर्य को जल से अघ्र्य दिया जाएगा और नहर किनारे रातभर उत्तर भारतीय परिवार के सदस्य पूजा-अर्चना करेंगे। सुबह उगते सूर्य को दूध से अघ्र्य देकर व्रत का समापन होगा। इटारसी और आसपास करीब सवा से डेढ़ सौ परिवार हैं जो पथरोटा नहर और ग्राम तरोंदा के पहाड़ी नदी में सूर्य को अघ्र्य देते हैं। आर्डनेंस फैक्ट्री में भी उत्तर भारतीय परिवार वहां स्थित तालाब में अघ्र्य देकर छठ पूजा करते हैं।