- – सांडिया घाट, सेठानी घाट सहित अन्य घाटों पर जलस्तर बढ़ेगा
- – नर्मदा के जलस्तर में होगी 15 से 20 फीट तक की बढ़ोतरी
- – कलेक्टर ने नागरिकों से की तटों से दूरी बनाने की अपील
नर्मदापुरम। बरगी बांध जबलपुर से गत रात्रि 8 बजे लगभग 4200 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित सांडिया घाट तथा नर्मदापुरम के सेठानी घाट सहित अन्य घाटों पर जलस्तर में अचानक से भारी वृद्धि होगी। मंडला में भारी वर्षा के कारण बरगी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई और बांध के गेट खोलकर पानी छोडऩा पड़ा है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सांडिया घाट पर 4 अगस्त को दोपहर 3 बजे लगभग 20 फिट जल स्तर बढ़ेगा। इसी प्रकार सुबह 4 बजे तक सेठानी घाट पर भी लगभग 20 फीट जल स्तर में वृद्धि होगी। कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सतर्क रहें। नर्मदा तट के समीप ना जाएं। तटों से पर्याप्त दूरी बनाएं रखें और सुरक्षित रहें। उन्होंने समस्त एसडीएम, तहसीलदार एवं जनपद के अमले को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोटवार, पटवारी, सचिव आदि राजस्व एवं जनपद के अमले के माध्यम से नर्मदा तट के ग्रामों में मुनादी किया जाना सुनिश्चित कराएं। मंदिर, टापू आदि बाढ़ प्रभावित स्थानों पर किसी भी व्यक्ति के फसने की स्थिति उत्पन्न ना हो यह सुनिश्चित करें। डूब प्रभावित होने वाली पुल पुलियों पर आवश्यक सावधानी बरती जाए। इस दौरान आवागमन ना हो इसका विशेष ध्यान रखें।
तवा में भी हो रही बढ़ोतरी
तवा बांध के जलस्तर में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जुलाई के गवर्निंग लेबल से अधिक पानी तवा में आ गया है। आज सुबह 6 बजे तवा बांध का जलस्तर 1158.30 फीट था, जो जुलाई के गवर्निंग लेबल 1158 फीट से कुछ अधिक है। पचमढ़ी में बीती रात से 124.4 मिमी वर्षा होने से देनवा नदी के जरिये वहां का पानी भी तवा में आ रहा है, लेकिन फिलहाल बैतूल और तवा के कैचमेंट क्षेत्र में अधिक बारिश नहीं होने से बांध का जलस्तर मेंटेन हो रहा है और फिलहाल पानी छोडऩे जैसी कोई संभावना नहीं लग रही है।
15 अगस्त तक बांध का गवर्निंग लेबल 1160 फीट रखना है, जिस तरह से मौसम का पूर्व अनुमान है, यह लेबल दो से तीन दिन में आ सकता है। लेकिन, इसके बाद भी भारी वर्षा होती रही तो बांध से पानी छोड़ा जा सकता है। बरगी से छोड़ा जाने वाला पानी दोपहर तक होशंगाबाद पहुंचेगा, ऐसे में तवा में जलस्तर अधिक नहीं होने से नर्मदा के घाटों पर उतनी चिंताजनक स्थिति नहीं बनेगी। दोनों बांध का एकसाथ पानी जब नर्मदा में पहुंचता है तो नर्मदापुरम में बाढ़ की स्थिति बन जाती है।