भारत में नदी संरक्षण, दशा एवं दिशा विषय पर वेबिनार

भारत में नदी संरक्षण, दशा एवं दिशा विषय पर वेबिनार

इटारसी। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत भारत में नदी संरक्षण, दशा एवं दिशा विषय पर वेबिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. प्रमोद मिश्रा, प्राचार्य, डॉ. भीमराव अंबेडकर, शासकीय महाविद्यालय आमला एवं डॉ. सुखदेव डोंगरे विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलॉजी जयवंती हक्सर, शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय बैतूल उपस्थित हुए।
इस अवसर पर गर्ल्स कालेज प्राचार्य ने बताया कि हिन्दू धर्म में नदियों को देवी के रूप में भी मानवीकरण कर पूजा जाता है। प्रतिमा विज्ञान तथा शिल्पशास्त्र के ग्रंथों, मन्दिरों, स्मारकों तथा संग्रहालयों में इनके अनेक स्वरूपों की परिकल्पना तथा कलात्मक चित्रण प्रस्तुत किया है। डॉ. प्रमोद मिश्रा ने कहा कि नदी से प्राकृतिक सौंदर्य होता है। बहुत सारे जीव और बाकी चीजें नदियों पर निर्भर रहती हैं। नदियों और झरनों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण ढंग से जागरूकता फैलाता आवश्यक हो गया है। डॉ. सुखदेव डोंगरे ने कहा, हमें संकल्प लेना चाहिये की नदियों को प्रदूषित नहीं होने देंगे। डॉ. शेषराव गायकवाड़ ने बताया की नदियों के किनारों पर सघन वृक्षारोपण किया जाये जिससे किनारों पर कटाव ना हो सके। एक भारत श्रेष्ठ भारत की कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा, नदी हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. संजय आर्य ने कहा, नदियां हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, नदियां जीवन दायिनी हैं। नदियों के किनारे समारोहों का आयोजन, मूर्ति विसर्जन, शवों का दहन, शहर के नालों को नदियों में नहीं मिलाना चाहिये। इस अवसर पर डॉ. कुमकुम जैन, डॉ. राम निवारिया, मंजरी अवस्थी, पूनम साहू, डॉ. मुकेश कटकवार, स्नेहांशु सिंह, अमित कुमार, डॉ. पुनीत सक्सेना, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. गुरूषा राठौर, तरूणा तिवारी, प्रियाश्री झा, सरिता मेहरा, राजेश कुशवाह तथा समस्त महाविद्यालयीन स्टॉफ एवं छात्राऐं उपस्थित थीं।

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