शासन की दृष्टि में मंदिर, मस्जिद, चर्च की देखरेख करने वालों में अंतर का क्या कारण है

शासन की दृष्टि में मंदिर, मस्जिद, चर्च की देखरेख करने वालों में अंतर का क्या कारण है

विधायक ने विधानसभा में मंत्रियों से किये सवाल
इटारसी।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने आज विधानसभा में पर्यटन मंत्री से पूछा कि प्रदेश में ऐसे कितने मंदिर हैं जिनके प्रशासक कलेक्टर या सरकारी अधिकारी हैं।

विधायक ने इस प्रश्न की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी मांगी और पूछा कि किन प्रावधानों के अंतर्गत मंदिरों के प्रशासक कलेक्टर या सरकारी अधिकारी नियुक्त/ मनोनीत किए जा सकते हंै। विधायक ने यह भी पूछा कि प्रदेश में ऐसे कितने चर्च/मस्जिद/ कब्रिस्तान / दरगाह हंै जिनके प्रशासक कलेक्टर या सरकारी अधिकारी हैं। इसकी भी जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। उन्होंने पूछा कि क्या यह सच है कि चर्च/मस्जिद/ कब्रिस्तान / दरगाह के प्रशासन कलेक्टर या सरकारी अधिकारी नहीं बनाए जा सकते? यदि हां, तो किन प्रावधानों के अंतर्गत। यह भी पूछा कि कि शासन की दृष्टि में मंदिर और मस्जिद/चर्च की देखरेख करने वालों में अंतर का क्या कारण है? जवाब में पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि ऐसे मंदिरों की जानकारी एकत्रित की जा रही है, जहां प्रशासन कलेक्टर या प्रशासकीय अधिकारी हैं।

आयुष्मान कार्ड से हुए इलाज पर व्यय

डॉ. सीतासरन शर्मा ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से भी सवाल किया कि नर्मदापुरम जिले में आयुष्मान कार्ड से इलाज हेतु कौन-कौन से चिकित्सालय, अधिकृत किये गये हैं?, वित्तीय वर्ष 2021- 2022 एवं 2022-23 में किन-किन चिकित्सालयों द्वारा कितने मरीजों का कितनी राशि का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत किया गया?, इस अवधि में कितने मरीजों द्वारा किन-किन चिकित्सालयों की शिकायतें की गई? संख्यात्मक जानकारी दें। यह भी कि क्या यह सच है कि चिकित्सालयों द्वारा आयुष्मान योजना में भुगतान न मिलने के कारण जून 2022 से मरीजों का डायलिसिस सहित अन्य इलाज बंद कर दिया गया है?

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AUTHORRohit

I am a Journalist who is working in Narmadanchal.com.

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