हाथों में लाल ध्वजा और होठों पर मां के जयकारे लगाते भक्त निकल पड़े माता के दर्शन को

Post by: Rohit Nage

With red flags in their hands and chants of Mother Goddess on their lips, devotees set out to visit Mother Goddess.
  • – बैतूल जिले से पहला जत्था सलकनपुर के लिए चार दिन पूर्व रवाना हुआ
  • – चार दिन पैदल चलकर इटारसी तक पहुंचे आधा सैंकड़ा से अधिक मां के भक्त

इटारसी। हाथों में जय माता दी लिखी लाल ध्वजा, होठों पर मां के जयकारे और मंजिल सलकनपुर स्थित विंध्यवासिनी माता विजयासन का दरबार। करीब आधा सैंकड़ा से अधिक भक्तों का जत्था पैदल मां के दर्शन और भक्ति के लिए निकल पड़ा है। नवरात्रि के प्रथम दिवस ये सभी माता के दर्शन करेंगे।

ग्राम रानीपुर से निकला भक्तों का जत्था

बैतूल जिले के ग्राम रानीपुर से 27 सितंबर को पदयात्रा करके निकले करीब 60-70 भक्तों का जत्था मां के भजनों पर थिरकते हुए कई पड़ावों को पार करते हुए 2 अक्टूबर को अपनी मंजिल सलकनपुर पहुंचेगा। हाईवे पर धीरे-धीरे माता के दरबार की ओर बढ़ते कदम और साथ में चल रहा है ट्रैक्टर-ट्राली पर सजा मां का दरबार।

नवरात्रि के पहले दिन पहुंचेंगे सलकनपुर

मां के भक्तों के इस जत्थे में बच्चे, युवा और महिलाएं शामिल हैं। करीब साठ से सत्तर किलोमीटर का सफर तय करने के बावजूद मां की शक्ति पर श्रद्धा रखे इन श्रद्धालुओं के चेहरे पर जरा सी सिकन नहीं बल्कि चेहरे खिले हुए हैं और मन उत्साह से लबरेज है। नवरात्रि के पहले दिन, पहली आरती में शामिल होने की इच्छा मन में लिए भक्तों का यह जत्था चार दिन से पैदल चल रहा है और अभी दो दिन और चलना है।

हजारों भक्त पहुंचते हैं मां के दरबार

बता दें कि 3 अक्टूबर से शक्ति की भक्ति का पर्व नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है। यह तो पहला जत्था है, इसके बाद ऐसे कई जत्थे रोड पर 9 दिनों तक लगातार दिखाई देंगे। सलकनपुर वाली माता के दरबार में हाजरी लगाने बनखेड़ी, पिपरिया, सोहागपुर, माखननगर, इटारसी, नर्मदापुरम, केसला, सुखतवा, भौंरा, शाहपुर, सिवनी मालवा, टिमरनी, हरदा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। 2 अक्टूबर के बाद सारा दिन और सारी रात भक्तों की संख्या में कमी नहीं होगी और सबकी मंजिल होगी सलकनपुर स्थित माता विजयासन का दरबार।

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