पेयजल संकट से परेशान महिलाओं ने किया ग्राम पंचायत का घेराव

पेयजल संकट से परेशान महिलाओं ने किया ग्राम पंचायत का घेराव

– ग्राम पंचायत पहुंची महिलाएं, बोलीं हमें पानी चाहिए
इटारसी। पिछले 18 दिन से पेयजल संकट का सामना कर रहीं तवानगर (Tawanagar) की महिलाओं ने आज ग्राम पंचायत रानीपुर (Ranipur) के कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं का कहना है कि हमें मूलभूत आवश्यकता पीने के पानी से वंचित किया जा रहा है।

बिजली का बिल भी बहुत अधिक आ रहा है। ग्राम पंचायत उन लोगों से वसूली नहीं कर रही जो पानी तो लेते हैं, लेकिन जलकर जमा नहीं करते। अब प्रशासन के अधिकारियों ने बिजली का बिल जमा करने की शर्त पर बिजली का कनेक्शन जोडऩे की बात की है, लेकिन बिल जमा करने के लिए इतनी राशि एकत्र होना संभव ही नहीं है। मामले में कलेक्टर (Collector), एसडीएम (SDM), जनपद सीईओ (District CEO) की चुप्पी यहां के लोगों को खल रही हे।
कहीं से कोई समाधान न होता देख आज करीब तीन सौ महिलाओं ने रानीपुर पंचायत के तवानगर में स्थित कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं का कहना था कि हमें पीने के लिए पानी चाहिए। एकमात्र नलकूप से सभी लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। महिलाओं ने कहा कि या तो हमें पानी दिया जाए या फिर हम नलकूप से भी किसी को पानी नहीं भरने देंगे। हालात ये हो गये हैं कि यदि महिलाओं ने नलकूप से पानी लेने से लोगों को रोका तो यहां आपस में ही संघर्ष की स्थिति बन सकती है। प्रशासन को जल्द ही कोई समाधान निकालना चाहिए।

जांच करके राशि वसूली जाए

इधर ग्राम पंचायत रानीपुर के पंच भूपेश साहू (Bhupesh Sahu) का कहना है कि तत्कालीन पंचायत सचिव ने तवानगर की पुरानी पेयजल की मोटर (Motor) और पुरानी पाइप लाइन (Pipeline) को बिना किसी वैधानिक कार्यवाही के बेच दिया है। उनसे वसूली की जाए और उस राशि से बिजली का बिल जमा करके लोगों को पेयजल मुहैया कराया जाये।

भार कम किये जाने की भी मांग

तवानगर में पूर्व में धरने में पहुंचे तहसीलदार राजीव कहार (Rajiv Kahar) ने समझाईश देकर धरना खत्म कराया था। अब सभी अधिकारी मौन है। पंच श्री साहू कहते हैं कि तवानगर से 1 लाख 88 हजार का जलकर वसूला जाना है। पंचायत की पंपों का भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए। 13 लाख रुपए का बिल गलत मिला है। पंचायत 60 रुपए प्रतिमाह जलकर वसूलती है। जितनी बिजली नहीं जलती उससे कहीं अधिक बिजली का बिल आता है। अत: भार का भौतिक सत्यापन किया जाए ताकि पंचायत पर भार भी न पड़े।

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AUTHORRohit

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