जीवन में शिक्षा, तरक्की का एक शक्तिशाली माध्यम है। महिला उत्थान व सशक्तिकरण के लिए शिक्षा से बेहतर तरीका कोई नहीं हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए शहर के चुनिन्दा स्कूल की संचालक और प्राचार्य आगे आयीं और मिलकर ‘शाइन ऑफ डॉयमंड’ नाम के ग्रुप की स्थापना की। यह ग्रुप महिला सशक्तिकरण का एक अच्छा उदाहरण पेश करता है। इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है, और उसमें आने वाली समस्याओं का मिलकर समाधान निकालना है। ग्रुप महिला के मान सम्मान और उत्थान हेतु कार्य करता है। ग्रुप में सभी महिलाएं शिक्षित और समाज में अपना विशेष स्थान रखती हैं। इसके एक होने से शहर में शिक्षा के क्षेत्र में नए नए आयामों के बनाने की पूरी संभावना है।
काम के प्रति हो लगन और ईमानदारी : मनीता जाफर सिद्दीकी – काम के प्रति लगन, प्रयासों में ईमानदारी ही सफलता अनिवार्य शर्त होती है। सफलता की इमारत भी तभी बुलंद होती है, जब लगन, इच्छाशक्ति और ईमानदारी हो। इस सोच को साकार कर रही हैं, जीनियस प्लानेट स्कूल की संचालक श्रीमती मनीता सिद्दीकी। कभी खुद के रोजगार के प्रयास किए और फिर भीड़ से अलग पहचान बनाने की राह में चली तो दर्जनों रोजगार खुद सृजित कर दिए। बीएससी, एमएससी, बीएड के बाद अपने पति मो. जाफर सिद्दीकी के साथ जेएम कम्प्यूटर सेंटर प्रारंभ किया और फिर प्ले स्कूल से शुरुआत करके आज जीनियस प्लानेट स्कूल का संचालन कर रही हैं। श्रीमती मनीता सिद्दीकी की रुचि संगीत और नृत्य में भी है। | |
मंजिल पाना है तो कदम बढ़ाना जरूरी : गुंजन जैन शिक्षा के क्षेत्र में रेनबो स्कूल एक स्थापित नाम है। इसी स्कूल की डायरेक्टर हैं श्रीमती गुंजन जैन। 24 अगस्त को जन्मी श्रीमती गुंजन जैन ने पति नीलेश जैन के साथ मिलकर केवल 12 विद्यार्थियों से प्ले स्कूल की शुरुआत की थी। आज यह स्कूल हायर सैकंड्री तक शिक्षा प्रदान कर रहा है। श्रीमती जैन ने केमेस्ट्री से एमएससी के बाद बीएड तक शिक्षा ग्रहण की। पेंटिंग, कविता लेखन, आर्ट एंड क्राफ्ट, रीडिंग और सामाजिक कार्य उनकी रुचि के विषय हैं। उनका मानना है कि आज की महिलाए पुरुषों का कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रही हैं। उनका मानना है कि वर्तमान समय में पुरूषों की सोच भी बदली और नारी को बराबरी के साथ सम्मान भी देना शुरू कर दिया है। | |
भाग्य नहीं कर्म पर करें भरोसा : बरखा पटैल ग्रुप की सदस्य और सन अकादमी स्कूल की संचालक बरखा पटेल ने रायपुर छत्तीसगढ़ में हाई स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त कर हायर सेकेंडरी स्नातक और स्नातकोत्तर (हिन्दी) की पढ़ाई बैतूल से की। सन एकेडमी हाईस्कूल की संचालन समिति के सचिव पद पर वर्ष 2007 से कार्यरत हैं। स्कूल के समय जिले स्तर पर बैडमिंटन और दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विशेष रूचि खाना बनाना और खाना खिलाने में है। समाज सेवा के प्रति में सदैव तत्पर रहती हैं और उन्होंने कई गरीब और विधवाओं को उचित सहयोग प्रदान किया है। बेसहारा और गरीब बच्चों को आर्थिक मदद करती रहती हैं। इनका मानना है, भाग्य पर भरोसा न कर कर्म पर विश्वास करें, सफलता कदम चूमेगी। | |
एक संकल्प लेकर बढ़ा दिये आगे कदम : आरती जायसवाल राष्ट्रभारती स्कूल की संचालक, आरती जायसवाल ने अपनी सासु मां के स्कूल का आगे बढ़ाया। उनका संकल्प था कि स्कूल बंद नहीं होगा। मायके में 12 तक शिक्षा ग्रहण की और ससुराल आकर एम कॉम, बीएड और एमएड किया। बिना किसी अनुभव के सासु मां की विरासत संभाली और स्वयं पर भरोसा करके आगे बढ़ती रही। 2005 से स्कूल की बागडोर संभाली। कुकिंग का और इंग्लिस की पोयम लिखने का शौक है। उनका मानना है कि अक्सर बेटे घर का नाम रोशन करते हैं, उन्हें फख्र है कि उन्होंने अपनी सास की शिक्षादान की परंपरा को आगे बढ़ाया है। उनका कहना है कि सास को मां से कम न समझें और अपने आप पर भरोसा करके किसी काम की शुरुआत करें, सफलता कदम अवश्य चूमेगी। | |
घर के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाएं : अंजना तिवारी जिंदगी धूप और छांव का खेल है। जिंदगी के इस खेल में स्वयं को सिद्ध करना काफी कठिन काम होता है, खासकर स्त्री को काफी कठिन होता है, और जो इन सबसे ऊपर उठकर सवयं को सिद्ध कर ले, वही स्वयंसिद्धा कहलाती है। नगर की स्वयंसिद्धाओं में एक नाम है श्रीमती अंजना तिवारी। एमए, एमएड की शिक्षा प्राप्त हैं और एक्सीलेंट पब्लिक हॉयर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य हैं और मिनिगोल्फ़ एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष, लायंस क्लब इटारसी सुदर्शन की अध्यक्ष जैसे पद पर अपनी काबिलियत के बल पर ही पहुंची हैं। पढऩा, संगीत सुनना और आध्यात्मिक परिचर्चा करना इनकी हॉवी में शुमार है। उनका इस महिला दिवस पर तमाम महिलाओं को संदेश है कि स्वयं पर विश्वास रखें, हमेशा क्रियाशील रहें, परिवार को प्राथमिकता दें, घर के साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी वहन करें। | |
जिद और जुनून जीवन का मूलमंत्र : मंजू ठाकुर जीवन में एक अदद मुकाम पाने की जद्दोजेहद ने कदम-दर-कदम काबिल बनने के लिए प्रेरित किया। एक रोजगार की खातिर अनेक प्रयास किये। अनेक झंझावतों से जूझे, लेकिन खुद को कभी न टूटने दिया और ना ही निराशा को अपने पास आने दिया। दृढ़ता, जिद और जुनून ने आज एक बेहतर मुकाम दिलाया है। बचपन प्ले स्कूल, नोबल हाईट्स पब्लिक स्कूल की प्राचार्य सुश्री मंजू ठाकुर का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उन्होंने लोक प्रशासन से एमए के बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से बेचलर आफ जर्नलिज्म किया है। इतनी सफलता के पीछे कठिन मेहनत, लगन है। बेहतर मुकाम पर आकर भी नींव के पत्थर को याद रखकर रिश्तों की जड़ें सींचना नहीं भूलती हैं। बेहतर तालमेल, विपरीत परिस्थिति में भी चेहरे पर मुस्कान लाकर हर कठिनाई से जीतना इनको सफल बनाता है। संगीत हमेशा खुश रहने में मदद करता है। मीडिया से जुड़कर अपनी बेवसाइट नर्मदांचल डॉट कॉम का संचालन कर रही हैं। |
ग्रुप में इनके अलावा महर्षि वशिष्ठ स्कूल की डायरेक्टर स्वेता वशिष्ठ, ड्रीम इंडिया स्कूल की प्राचार्य सरोज सिंह चौहान, वर्धमान स्कूल की डायरेक्टर श्रीमती रचना जैन, महावीर स्कूल की डायरेक्टर संध्या जैन, नालंदा स्कूल की डायरेक्टर भारती चौकसे और अंजना चौकसे, साईं विद्या मंदिर स्कूल की डायरेक्टर मनीषा गिरोटिया भी शामिल हैं ।