नारी इच्छा अधिकार का संदेश देती है श्री कृष्ण की वैवाहिक लीलाएं

नारी इच्छा अधिकार का संदेश देती है श्री कृष्ण की वैवाहिक लीलाएं

इटारसी। शास्त्रों में नारी को मातृशक्ति के रूप में स्थापित किया और सम्मानित किया है, तो फिर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उन्हें पुरुषों के बराबर का अधिकार मिलना चाहिए।

उक्त उद्गार भागवताचार्य पंडित सौरभ दुबे ने ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह में व्यक्त किए। पंडित सौरभ दुबे ने श्रीमद् भागवत जी के माध्यम से कर्म योगी भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीला के प्रसंगों का ज्ञान पूर्ण वर्णन किया। श्री कृष्ण रुकमणी मंगल विवाह प्रसंग पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि रानी रुक्मणी का विवाह उनकी इच्छा के विपरीत एक दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति से किया जा रहा था, अत: श्री कृष्ण ने उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हुए और उन्हें उनका नारी अधिकार प्रदान करते हुए इच्छा के विपरीत होने जा रहे व्यवहार से बचाया और उनकी इच्छा अनुसार ही स्वयं उनसे विवाह किया।

यह लीला संसार की समस्त नारियों को उनके अधिकार का संदेश देती है और समस्त परिवारों को भी संदेश देती है कि परिवार में पुत्र हो या पुत्री सभी को समान अधिकार प्रदान करना चाहिए। इस प्रसंग के साथ ही कथा पंडाल में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह समारोह झांकी के साथ धूमधाम से मनाया। कथा के मुख्य यजवान श्रीमती ताराबाई दामोदर प्रसाद यादव ने श्री कृष्ण रुकमणी के रूप में विराजमान वर वधु की पैर पखराई की?

इस अवसर पर अतिथि पं. राजीव दीवान एवं आयोजन समिति के सदस्यों ने आचार्य पंडित सौरभ दुबे का स्वागत किया। ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्रीमद् भागवत समारोह का समापन 25 दिसंबर रविवार को हवन पूजन संत सम्मान एवं भंडारे के साथ होगा।

CATEGORIES
Share This

AUTHORRohit

I am a Journalist who is working in Narmadanchal.com.

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )
error: Content is protected !!