इटारसी। शासकीय एमजीएम कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (बालक इकाई) का 7 दिनी विशेष शिविर 7 2025 से 13 मार्च 2025 तक ग्राम जुझारपुर में शासकीय एकीकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में प्रारंभ हुआ। प्रथम दिवस में सर्वप्रथम शिविर का उद्घाटन मां सरस्वती की प्रतिमा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर फूल माला अर्पित कर शिविर की औपचारिक शुरुआत की गई।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशुतोष मालवीय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य एवं लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना का सिद्धांत वाक्य है -‘स्वयं से पहले आप’ उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रतीक चिन्ह एवं बैज के बारे में भी बताया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ राकेश मेहता मैडम ने स्वयंसेवकों को सर्वप्रथम स्वयंसेवक शब्द का शाब्दिक अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वयंसेवक ग्रामीण समुदाय से जुड़कर समाज सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। उन्होंने स्वयं सेवकों को वृक्षारोपण, जन जागरूकता रैली,सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्राम जुझारपुर सरपंच श्रीमती सरोज परते, मुख्य अतिथि के रूप में विद्यालय के प्राचार्य ओपी चौरे एवं अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ राकेश मेहता, कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशुतोष मालवीय एवं महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक जिसमें गणित विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि तिवारी, इतिहास विभाग की प्राध्यापक डॉ कुजूर, मनीष चौरे, बससा सत्यनारायण, संजीव, विद्यालय से शिक्षक नवीन चौरे, शिक्षिका श्रीमती प्रीति मालवीय एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे। द्वितीय दिवस की शुरुआत योग एवं प्रार्थना से की गई जिसमें कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशुतोष मालवीय ने स्वयंसेवकों को स्वयं को स्वस्थ और निरोगी रखने के लिए मेडिटेशन एवं योग के महत्व के बारे में बताया।
परियोजना कार्य के अंतर्गत ग्राम स्वच्छता अभियान चलाया जिसमें स्वयंसेवकों ने परिसर एवं आसपास की सफाई की। बौद्धिक सत्र के दौरान विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती प्रीति मालवीय ने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है, कब से मनाया जा रहा है किन उद्देश्यों को लेकर मनाया जाता है, पहले इसका स्वरूप क्या था अब आज के परिवेश में इसका स्वरूप क्या है, बहुत कुछ हम लोग पहले से जानते हैं।
उन्होंने बताया की प्रमुख रूप से नारी का सम्मान करने के लिए उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि देश विदेश में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें नारी का कोई योगदान न हो, नौकरी हो, व्यवसाय हो, खेल हो राजनीति हो सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, अर्थात महिलाओं का प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण और अहम योगदान रहा है।