हिंदी भाषा के विद्यार्थियों को लेखन व उच्चारण की अशुद्धियों से अवगत कराया

हिंदी भाषा के विद्यार्थियों को लेखन व उच्चारण की अशुद्धियों से अवगत कराया

होशंगाबाद। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय (Government Narmada College) में विश्व बैंक परियोजना (World Bank Project) के तहत हिंदी विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय त्रुटि संशोधन उच्चारण एवं लेखन के स्तर पर था इसका उद्देश्य हिंदी भाषा के विद्यार्थियों को लेखन और उच्चारण से संबंधित अशुद्धियों से अवगत कराना था। प्राचार्य डॉक्टर ओ.एन. चौबे ने कहा कि यदि छात्र ने अपने शिक्षण काल में भाषा की बारीकियां नहीं सीखी तो आजीवन उसी गलती को दोहराएगा। चाहे लेखन हो या उच्चारण उसका प्रभाव प्रतियोगी परीक्षाओं और साक्षात्कार में पड़ सकता है। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ केजी मिश्र ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि भाषा सामाजिक संपत्ति है और व्यक्ति विशेष को उसे दूषित करने का अधिकार नहीं। गलत लेखन और गलत उच्चारण की परंपरा भविष्य के लिए चुनौती बन रही है। डॉ संध्या प्रसाद भोपाल ने समय परिस्थिति और काल का भाषा पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को समझाते हुए कहा कि बेशक हम अंग्रेजी बोले किंतु हिंदी को विकृत ना होने दें। डॉ सुधीर शर्मा अपने व्याख्यान में बोले की भाषा बहती नदी है और व्याकरण उसका अनुशासन। संस्कृत प्राध्यापक डॉ एन आर अडलक ने कहा कि सम्यक रीति से शब्दों का प्रयोग ही भाषा की शुद्धता निर्धारित करता है उन्होंने संस्कृत आचार्य महर्षि पाणिनि और याज्ञवल्क्य के सिद्धांत तर्कए वैज्ञानिकता और प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत की ।डॉ अंजना यादव ने सार प्रस्तुतीकरण और आभार व्यक्त किया। तकनीकी सहयोग श्री अश्विनी यादव एमनोज यादव और प्रतीत गौर का रहा। कार्यशाला में डॉक्टर सविता गुप्ता, डॉ प्रीति उदयपुरे, डॉ विनीता अवस्थी, डॉ रश्मि तिवारी, डॉ हंसा व्यास सहित सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।

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