चूंकि मानव शरीर में जोड़ों का स्थान है, इन्हें सही तरीके से उपयोग में लाना हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। जोड़ो पर परेशानी मतलब मानव शरीर का संतुलन बिगड़ जाना, दर्द शुरु होते ही फिजियोथैरेपी (Physiotherapy) बहुत कामगार साबित हो रही है।
वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है, कि महीनों तक दर्द से पीडि़त रोगी शारीरिक बीमारी के अलावा से पीडि़त रोगी मानसिक रोगी भी बन जाता है। अर्थात आने वाले समय में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। यदि समय रहते मरीजों को फिजियोथैरेपी चिकित्सा की जानकारी मिल जाये या विशेषज्ञ, डॉक्टर दे देते हैं, तो मरीज को अनेकों दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है।
कमर दर्द को मेडिकल सांइस ने दो मुख्य कारणों में परिभाषित किया है, जिसे प्राइमरी और सैकंड्री कहा जाता है।
प्राइमरी – जैसे शारीरिक (स्ट्रेक्चर), न्यूरो (Neuro), मस्कुलो स्केलेटन (Musculo-Skeleton) (बीमारी) समस्याएं।
सैकंड्री : जैसे एंजाइटी (Anxiety), डिप्रेशन (Depression), स्ट्रेस (Stress), मानसिक तनाव, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन व जीवन शैली से संबंधित शारीरिक गतिविधि की कमी आदि भी पीठ दर्द का कारण बन सकता है।
पीठ और कमर दर्द के कारण कई हो सकते हैं, इसलिए सही निदान और उपचार के लिए एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लेना चाहिए।
डॉ. मोनिका मेहरा, फिजियोथेरेपिस्ट