इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लक्कडग़ंज इटारसी (Shri Durga Navagraha Temple Lakkadganj Itarsi) में श्री धृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग (Shri Dhrishneshwar Jyotirlinga) का पूजन एवं रूद्राभिषेक हुआ। यजमान रत्नेश प्रतिभा नामदेव (Ratnesh Pratibha Namdev), उमेश राठौर (Umesh Rathore), मनोज मनीषा डोनी (Manoj Manisha Doni) ने घृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग के पार्थिव ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक किया। मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे, आचार्य पं. सत्येंद्र पांडेय, एवं आचार्य पं. पीयूष पांडेय के ने कराया।
शिव ही ब्रम्हा और विष्णु है। शिव साक्षात परम सत्य है। शिव शून्य है तो शिव अनंत भी है। शिव के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है चाहे देवता हो या मानव बिना शिव पूजन के किसी का उद्धार नहीं हुआ। सावन मास में शिव पूजन का विशेष फल मिलता है। उक्त उद्गार मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे (Acharya Pt. Vinod Dubey) ने द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन और अभिषेक के अवसर पर भगवान धृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग की महिमा बताते हुए व्यक्त किए। श्री धृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग की महिमा और इतिहास बताते हुए पं. विनोद दुबे ने कहा कि इस ज्योर्तिलिंग के दर्शन बिना 12 ज्योर्तिलिंग की यात्रा अधूरी मानी जाती है इसलिए यात्री यहां अवश्य आते हंै।
मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे ने उक्त ज्योर्तिलिंग की कई कथाएं अलग-अलग ढंग से विस्तार से बताई और कहा कि यहां पर शिवजी का वास है क्योंकि इस लिंग की स्थापना माता पार्वती ने की थी। इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसी महिला हिंदू रानी थी जिन्होंने देश के बारह ज्योर्तिलिंग का समय-समय पर जीर्णाेद्धार कराया उसमें धृष्णेश्वर भी एक था। सोमवार को श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लकडग़ंज इटारसी में श्री पार्थिव द्वादश ज्योर्तिलिंग के 12 दिवसीय अनुष्ठान का दोपहर 2 बजे विश्राम होगा और उसके पश्चात भंडारा होगा।