ये कैसा कोरोना लॉकडाउन? कोई घर बैठा, कुछ ने किये मजे

Post by: Poonam Soni

इटारसी। कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) केवल नाम का रहा है। बाजार में कई दुकानदार अपनी दुकानों से ग्राहकों को सामान देते रहे। मोहल्लों में दुकानें खुली रहीं और बेकाम लोग सड़कों पर घूमते रहे। कफ्र्यू ड्यूटी करने वाले टेंटों में बैठकर मोबाइल चलाते हुए ड्यूटी करते रहे तो हाईवे की दुकानों पर भी जमकर ग्राहकी चली। कोरोना कफ्र्यू का इतना ही असर रहा कि रोज की अपेक्षा सड़कों पर और बाजार में भीड़ कम रही। लेकिन, नियमों का पालन कुछ दुकानदारों ने नहीं किया। खासकर गांधी मैदान से पुराने फल बाजार रोड पर एक किराना दुकान संचालक ने आज न सिर्फ अपना सामान दुकान से बेचा बल्कि हर रोज 8 बजे दुकान बंद करने के समय भी वह 9 बजे से पहले दुकान बंद नहीं करता है। पुलिस (Police) का वाहन फल बाजार से भारत टाकीज रोड (Bharat Talkies Road) पर सायरन बजाते हुए निकल जाता है, कभी नीचे उतरकर किसी ने उस दुकानदार को नहीं टोका या दुकान बंद नहीं करायी, आज भी यही आलम रहा। होम डिलेवरी के नाम पर आधा शटर तो खोला, लेकिन ग्राहकी दुकान से ही की।

टेंटों में या छांव में बैठे रहे कर्मचारी
जिनकी ड्यूटी बाजार में घूमकर दुकानों पर नजर रखने या बेवजह घूम रहे लोगों को रोककर उनसे पूछताछ करने की थी, वे टेंटों में या अन्य छांव की जगह बैठकर मोबाइल चलाते रहे। दोपहर बाद तो तेज धूप होने के कारण ड्यूटी करने वाले जगह से नहीं हिले। मोहल्लों में सड़कों पर चहलकदमी चलती रही और दुकानों पर युवाओं की टीम देश-विदेश के मुद्दों पर चर्चाएं करती रहीं, उनको घर जाने का कहने कोई नहीं आया और ना ही गश्ती दल निकला। ऐसे में कोरोना कफ्र्यू केवल नाम का ही रहा है। दरअसल, इन दिनों प्रशासन का अमला नेतृत्व विहीन है, और लोगों को मैदान में आने के लिए प्रेरित करने वाले अधिकारी नहीं होने से अमला भी आराम की ड्यूटी कर रहा है।

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