महर्षि दयानंद गुरुकुल आश्रम जमानी के तत्वावधान में वर्ष प्रतिपदा का आयोजन

Post by: Aakash Katare

नवसंवत्सर पर हवन पूजन कर लिया नया संकल्प

इटारसी। महर्षि दयानंद गुरुकुल आश्रम जमानी के तत्वावधान में आज नवसंवत्सर के अवसर पर सूरजगंज स्थित आर्य कन्या शाला में हवन-पूजन कर नये संकल्पों के साथ नये वर्ष की शुरुआत की गई। इस अवसर पर आचार्य सत्यप्रिय ने उपस्थित लोगों से नवसंकल्प के साथ नये वर्ष में प्रवेश करने के विषय में जानकारी देकर संकल्प कराया।

आज सुबह आर्य कन्या शाला में महर्षि दयानंद गुरुकुल आश्रम से जुड़े सदस्यों ने पहुंचकर वैदिक पद्धति से हवन-पूजन किया। एकदूसरे को चंदन का तिलक किया। इस दौरान भजन भी हुए।

प्रबंधक बालकृष्ण मालवीय ने बताया कि नवसंवत्सर का स्वागत आतिशबाजी करके किया, सभी को चंदन का तिलक किया और वैदिक पद्धति से हवन-पूजन कर एकदूसरे को नववर्ष की बधाई दी गई। इस अवसर पर सभी को फलाहारी प्रसाद का वितरण भी किया।

हवन उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आचार्य सत्यप्रिय ने कहा कि आज के दिन प्रकृति भी नयापन ले आती है। वसंती बहार में प्रकृति उल्लासमय रहती है, पेड़ों पर नये पत्ते आते हैं। हर जगह हरियाली दिखाई देती है। यह हमारा नववर्ष है, जिसे धर्म कर्म करके दिन के उजाले में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य दो कर्म करता है, एक पिछले कर्म को भोगना और दूसरा नया कर्म करना।

उच्च कर्म करके श्रेष्ठ बनें

आचार्य सत्यप्रिय ने उपस्थित लोगों से कहा कि लगातार अच्छे कर्म करते रहने से एक दिन उच्च हो जाएंगे और उत्तम पुरुष कहलाएंगे। श्रीराम, श्रीकृष्ण, श्री हनुमान उच्च कर्मों के कारण ही पूजे जाते हैं। श्रेष्ठ जैसे स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और ऐसे कई श्रेष्ठ पुरुष उच्च कर्मों के आधार पर ही बने हैं।

उन्होंने संकल्प दिलाया कि हम अच्छे कर्म करते हुए उच्च कर्मों की ओर स्वयं को लेकर जाएंगे। जीवन में कमियों को समाप्त करते रहेंगे, नये वर्ष में अच्छे बनें, बेहतर जीवन हो यही संकल्प लें, जीवन में नयापन लाएं।

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