- – प्राथमिक शाला गरीबी लाइन में छत से रिस रहा है पानी
- – छत का प्लास्टर गिर रहा है, हादसा होने की संभावना
इटारसी। शासकीय प्राथमिक शाला नई गरीबी लाइन (Government Primary School New Poverty Line) में बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्रभारी प्राचार्य आशा पटेल (Incharge Principal Asha Patel) का कहना है कि वे अपने उच्च अधिकारियों को सारी स्थिति से अवगत करा चुकी हैं, लेकिन कोई भी अभी तक देखने तक नहीं आया। जरा सी बारिश में छत से पानी रिसने लगता है और छत से प्लास्टर (Plaster) भी नीचे गिर रहा है। कई बार छोटे टुकड़े गिर चुके हैं, बड़ा टुकड़ा बच्चों पर गिरेगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
शासकीय प्राथमिक शाला में पहले से पांचवी तक बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। यहां चार कमरे हैं, साथ ही दो कमरे आंगनवाड़ी (Anganwadi) के भी जुड़े हैं। आंगनवाड़ी वाले कमरों की भी हालत कमोवेश ऐसी ही है। यहां और भी छोटे बच्चे आते हैं, किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो जाएगा तो जिम्मेदार कौन होगा?

अफसरों को भी है जानकारी
ऐसा नहीं है कि इस मामले में विभाग के आला अफसरों को जानकारी नहीं है। स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि यह स्कूल संकुल कन्या शाला सूरजगंज (Girls School Surajganj) के अंतर्गत आता है और उनको संकुल प्राचार्य अखिलेश शुक्ला (Akhilesh Shukla) ने कहा है कि व्यवस्था होने तक वे इसे उनके स्कूल में लगवायेंगे।
बीआरसी ( B r c) भी यही कह रहे हैं कि इसका एस्टीमेंट बनाकर भोपाल भेजा है, जब तक नयी व्यवस्था नहीं हो जाती, इस स्कूल को शिफ्ट कराएंगे। आंगनवाड़ी का भी यही हाल स्कूल परिसर में ही आंगनवाड़ी भी चलती है। इस आंगनवाड़ी में तो और भी छोटे बच्चे आते हैं, यहां भी तस्वीर प्रायमरी स्कूल से जुदा नहीं है। यहां भी पानी रिसकर कमरों में आ रहा है, ऐसे ही नमीयुक्त कमरे में छोटे बच्चों को बैठना पड़ता है, ऐसे में बच्चों के बीमार होने का जोखिम बना रहता है।
इनका कहना है….
मेरी जानकारी में है, और इस विषय में संकुल प्राचार्य से बात हो चुकी है, उन्होंने आश्वस्त किया है कि नयी व्यवस्था होने तक वे अपने यहां स्कूल को लगवायेंगे। हम प्रयास कर रहे हैं, जल्द व्यवस्था हो जाए।
शत्रुंजय सिंह बिसेन, जिला शिक्षा अधिकारी
आप सही कह रहे हैं, स्कूल के हालात बहुत खराब हैं। हमने एस्टीमेंट बनाकर उच्च स्तर पर भेजा है, जैसे ही वहां से स्वीकृत होकर आएगा, काम चालू करा देंगे। तब तक स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट करा देते हैं।
आनंद शर्मा, बीआरसी