युवाओं में राम और भरत जैसे संस्कार होना चाहिए

इटारसी। राष्ट्र के युवाओं में श्री राम और भरत के समान मर्यादा मई संस्कार होना चाहिए, तभी हम अपने देश में रामराज की कल्पना को चरितार्थ कर पाएंगे।
उक्त उद्गार मथुरा वृंदावन की कथाकार सुश्री हेमलता शास्त्री ने वृंदावन गार्डन इटारसी में व्यक्त किए। शहर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास के लिए 7 सितारा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा समारोह के चतुर्थ दिवस में उपस्थित श्रोताओं के समक्ष मानस मर्मज्ञ हेमलता शास्त्री ने प्रभु श्री राम के जन्म और उनके बाल निकाल और सुसंस्कारों का आदर्श में वर्णन करते हुए कहा कि माताओं को अपने बालक में 1 वर्ष से 5 वर्ष की आयु में ही प्रेम और संस्कारों के रंग भरना चाहिए, तभी वह किशोरावस्था तक 19 संस्कारों को आत्मसात कर युवावस्था में परिवार समाज और जरूरत पडऩे पर राष्ट्र की जिम्मेदारी का निर्वहन भी कुशलता के साथ कर सके।
रामराज और श्री राम मंदिर निर्माण की भी सकारात्मक चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जो कार्य सामूहिक सहयोग से होता है, वही सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय को प्रतिपादित करता है, इसलिए श्री राम मंदिर का निर्माण भी संपूर्ण देशवासियों के कण-कण रूपी सहयोग से हो रहा है और अगर रामराज की कल्पना करें तो वह तभी साकार होगी जब देश के समस्त युवाओं में प्रभु श्री राम और महात्मा भारत जैसे संस्कार होंगे। यह संस्कार कौशल्या जैसी माता ही दे सकती है। चतुर्थ दिवस की कथा में श्री राम विवाह की सचित्र झांकी भी सजाई गई। इस अवसर पर विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (MLA Dr Sitasaran Sharma), एसडीएम एमएस रघुवंशी (SDM MS Raghuvanshi) एवं कार्यक्रम संयोजक जसवीर सिंह छाबड़ा (Program Coordinator Jasvir Singh Chhabra) आदि ने भगवान श्री राम की पूजा अर्चना कर प्रवचन कर्ता हेमलता शास्त्री का स्वागत किया।