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धर्मस्थल खुले, भक्तों के लिए गाइडलाइन तय

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इटारसी। सोमवार से भगवान के दरबार खुल गये हैं। उपासना स्थलों में अब भक्तों का प्रवेश होने लगा है। लेकिन, भक्तों को बेहद सतर्कता व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। आज प्रशासन ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघरों के लिए आयी गाइड लाइन से पुलिस थाने में हुई एक बैठक में अवगत कराया। बैठक में एसडीएम सतीश राय, एसडीओपी महेन्द्र मालवीय, टीआई दिनेश सिंह चौहान सहित पत्रकार और विभिन्न धर्मस्थलों से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए।
पुलिस थाना परिसर में हुई शांति समिति की बैठक में अनुविभागीय दंडाधिकारी सतीश राय ने सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है, अब आप पर और जनता पर यह जिम्मेदारी है। आपको काफी सावधानी बरतनी होगी। इनमें फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग, सेनेटाइजेशन जैसी बातें होना अनिवार्य होगा। यदि अब कोई पॉजिटिव मिला और यह जानकारी आयी कि वह किसी धार्मिक स्थल पर गया था, तो उस धर्मस्थल को बंद कर दिया जाएगा। एसडीएम ने मीडिया से चर्चा में बताया कि फिलहाल धार्मिक स्थलों के लिए गाइड लाइन आयी है, जिम, पूलगेम और मैरिज गार्डन को लेकर अभी शासन से कोई गाइड लाइन नहीं आयी है। जब इनके विषय में शासन से दिशा निर्देश मिलेंगे तो इनके पालन के लिए जानकारी देंगे।

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इनका करना होगा पालन
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघरों में जाना है तो मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इन धर्मस्थलों के भीतर भी मास्क लगाने की अनिवार्यता होगी। फिजिकल डिस्टेंसिंग में कम से कम दो गज की दूरी होना जरूरी होगा। मंदिरों में घंटे-घंटी नहीं बजेंगे, प्रसाद न तो चढ़ेगा और ना बंटेगा, चरणामृत भी नहीं बांटा जा सकेगा। हॉली वाटर का छिड़काव भी नहीं होगा। मस्जिदों में आने वालों को बजू घर से ही करके आना होगा। जूते-चप्पल एक साथ, एक ही स्थान पर नहीं रखे जाएंगे, उन्हें या तो अपने वाहन में रखकर आएं या फिर दूर-दूर रखे जाएंगे। दिन के वक्त की नमाज में जमात शामिल हो सकती है, रात के वक्त कफ्र्यू का पालन करना अनिवार्य होगा। मस्जिद में नमाजियों के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने मार्किंग की जाना अनिवार्य होगी। पूरे उपासना स्थल को बार-बार सेनेटाइज करना अनिवार्य होगा। गेट पर सेनेटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो। फर्श पर कीटनाशक मिले पानी से पोंछा लगाना होगा और किसी भी कोरोना लक्षण वाले को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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ये बतायी है जिम्मेदारी
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब समाज की जिम्मेदारी शुरु हो रही है, कि कैसे खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी और सतर्कता से जिंदगी को आगे बढ़ाया जाये। धर्म प्रमुखों को इसमें भूमिका निभाकर अपने समुदाय को इसके लिए शिक्षित करना होगा कि एक साथ, एक ही समय पर लोग नहीं आएं ताकि भीड़ से बचा जा सके। मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में जो भी समय निर्धारित है, उसी वक्त तक उसे खुला रखा जाए। एसडीएम सतीश राय ने कहा कि प्रशासन हर जगह नियमों का पालन कराने के लिए खड़ा नहीं हो सकता है, आपका समाज भी आपके परिवार की तरह है, जैसे हम अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सावधान रहते हैं, वैसे ही धर्मस्थलों पर भी सावधानी की जिम्मेदारी धर्मप्रमुखों की होगी। यदि कोरोना लक्षण जैसे, सर्दी, खांसी, बुखार वाले आएं तो उनको वापस भेज दें, क्योंकि एक के कारण पूरा समुदाय कष्ट नहीं उठा सकता है। पैंसठ वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दस वर्ष से कम के बच्चों को किसी भी स्थिति में घर से बाहर न निकाला जाए।

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