Category: Editorial / Special

लोकसभा चुनाव : नई बहस … कम वोटिंग परसेंटेज से किसे फायदा, किसे नुकसान

लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग प्रतिशत से राजनीतिक दलों की पेशानी पर बल पड़ रहे हैं। राष्ट्रीय नेताओं, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों और प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने भी सभाओं में लोगों से अधिक से ... Read More

हुआ ऐसा चुनावी शोर, जो सन्नाटे में भी सुनाई नहीं दिया

अधिकृत तौर पर चुनाव का प्रचार थम गया है। यानी चुनावी शोरगुल से मुक्ति मिली, ऐसा माना जाना चाहिए। हालांकि चुनावी शोर किसने सुना, पता नहीं। सन्नाटे के बावजूद चुनाव जैसा शोर तो ... Read More

Editorial : मतदान है आपका अधिकार, आपका एक वोट कर सकता चमत्कार

भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी भी मतदाता का यह मूल अधिकार है कि वह बिना किसी डर, दबाव या जोर-जबरदस्ती के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें। इस वजह से ... Read More

क्यों नीरस होते जा रहे हैं राष्ट्रीय कार्यक्रम

गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह इटारसी के गांधी स्टेडियम में देखा और सुना। यसमैन भले ही इसे सफल कहें। निस्वार्थ भाव से देखें तो यह एकदम नीरस और अव्यवस्थित लगा। इसे आयोजक भले ... Read More

अयोध्या आंदोलन : इटारसी के कार सेवकों ने भी दी थी आहुति

1990 में कारसेवा का यात्रा वृतांत : मिलिन्द रोंघे, इटारसी - 24 मई 1990 को हरिद्वारा में अयोध्या में राममंदिर के लिए कारसेवा की तिथि 30 अक्टूबर 1990 नियत की गयी थी। 25 ... Read More

विशेष : आवारा कुत्तों की समस्या, कैसे मिलेगी निजात

मिलिन्द रोंघे : अनेक फिल्मों में नायक खलनायक के लिए कुत्ते शब्द का प्रयोग करते रहे है लेकिन कुछ फिल्मों में नायक के वफादार साथी के रूप में कुत्ते की भूमिका रही है ... Read More

कृपया दुआ देने आएं, दुख देने नहीं

कृपया दुआ देने आएं, दुख देने नहीं शादी-विवाह या फिर जन्म के मौके पर किन्नर समुदाय की तरफ से बधाई मांगने का रिवाज है। इन दिनों इनकी टोली बधाई के एवज में खुशी ... Read More

Editorial : रोजगार, प्रदेश में निवेश और कर्ज मुक्ति महत्वपूर्ण है मुख्यमंत्री महोदय

किसी भी आदेश पर चलने वाला अभियान कुछ दिनों का होता है, फिर गाड़ी पुराने ढर्रे पर लौट जाती है। यही कुछ हुआ है, मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले आदेश में खुले ... Read More

Editorial : मोदी के मन को मोहन मोह चुके, अब चुनौतियों के लिए होना होगा तैयार

Manjuraj Thakur : नाम ही मोहन है, यानी मोहने वाला। मोदी के मन में मध्यप्रदेश के साथ मोहन भी था। तभी इस बार मध्यप्रदेश में किसी चेहरे के साथ चुनाव नहीं लड़ा गया। ... Read More

Editorial : तीन अधिकारी, तीन साल, तालमेल रहा बेमिसाल

: Manju Thakur -चुनावी वर्ष में तबादले की प्रक्रिया स्वभाविक है। निर्वाचन आयोग ऐसे अधिकारियों को बदलने की अनुशंसा करता है, जिन्होंने अपने पदस्थापना स्थल पर तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हों, उससे ... Read More

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