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अफसरों ने कहा, अब बच नहीं सकेंगे बेईमान

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स्वच्छ धन अभियान के अंतर्गत सेमीनार का आयोजन
इटारसी। साईंकृष्णा रिसोर्ट में आयकर विभाग के तत्वावधान में आज दोपहर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आयोजित सेमीनार में विभाग के अधिकारियों से साफ कर दिया है कि टैक्स चुकाने में बेईमानी करने वाले वाले किसी भी सूरत में बच नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके माध्यम से एक अवसर और मिलेगा जिसमें आप देश के प्रति अपना फर्ज निभा सकते हैं और गरीबों के कल्याण में योगदान दे सकते हैं।
it17217 (1)सेमीनार में मुख्य वक्ता प्रधान आयकर आयुक्त पतंजलि ने कहा कि देश यदि एक साथ 104 उपग्रह छोड़ रहा है तो यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। यह सिर्फ इसलिए संभव हो सका है क्योंकि हमने अपना टैक्स भरा है। किसी भी देश की रीढ़ है उसकी आर्थिक मजबूती। देश की बड़ी आबादी को दो रोटी भी मुश्किल से मयस्सर हो रही है, ऐसे में उसके कल्याण के लिए कोई योजना है तो उसमें योगदार करना हमारा सबका फजऱ् है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना देश की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो इस महान देश के गरीबों के लिए बनायी है। हमें इसमें अपना भी योगदान देना होगा।
उन्होंने बताया कि आपरेशन क्लीन मनी इसी योजना से जुड़ा है। उन्होंने टैक्स प्रदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब धीरे-धीरे देश से केश का प्रचलन कम हो रहा है, विभाग ने नोटबंदी से पूर्व टैक्स जमा करने के एक से अधिक अवसर दिए लेकिन बावजूद इसके लोगों ने चतुराई दिखाने का प्रयास किया। लेकिन लोग भूल गए कि सारा कुछ डिजिटलाइज्ड है, नोटबंदी के बाद सारा कुछ सामने आ रहा है। जिनकी बचाने की मंशा है, वे बच नहीं सकते। उन्होंने झूठ के पैर नहीं होते हैं और सांच को आंच नहीं, कहावत को कहते हुए टैक्स प्रदाताओं को समझाने का प्रयास किया है कि सरकार ने एक और अवसर दिया है, इस योजना के ज़रिए। इससे हम गरीबों की मदद भी कर सकते हैं।
उन्होंने ऐसे लोगों को अपने उद्बोधन के माध्यम से चेतावनी भी दी जो छिपाकर रखना चाहते हैं, कि केश कोई भी हो और कहीं भी हो, डिक्लेयर करना ही होगा। यदि आपने मार्च तक डिसीजन ले लिया तो 49।9 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। मार्च के बाद 77।2 फीसदी लगेगा। दोनों ही मामलों में आप कानूनी पेचीदगी से भी बच सकते हैं लेकिन यदि विभाग ने असेसमेंट करके पकड़ा तो 137।25 फीसद देना होगा साथ ही कानूनी मामले में भी उलझ सकते हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आप तीन लाख रुपए से अधिक अपने पास नहीं रख सकते।
इससे पूर्व सहायक आयकर आयुक्त गिरीश जांभेकर ने बताया कि विभाग ने करदाताओं पर भरोसा किया लेकिन कुछ ने ईमानदारी से टैक्स अदा नहीं किया है। इस स्कीम के माध्य से फिर स्वेच्छा से भुगतान का विकल्प दिया है। इससे पहले भी विकल्प था लेकिन लोग नहीं आए। जब समझाया तो कुछ लोग ने डिक्लेरेशन फाइल किया है। जिसने जानकारी छिपाई उनको नोटबंदी के बाद काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण योजना में पैसा लगाने का वक्त है। उन्होंने उन लोगों को कुछ तल्ख लहज़े में समझाया जो टैक्स बचाने के तरीके ढूंढते हैं कि वे विभाग को बेवकूफ बनाना बंद करें। उन्होंने कहा कि यह अंतिम अवसर है, इसके बाद कोई अवसर नहीं मिलेगा। नोटबंदी के दौरान जो जमा हुआ है उसका सारा ब्यौरा बैंक से विभाग को मिल गया है, अब कोई बच नहीं पाएगा। अब तो दो नंबर का पैसा भी खर्च करने में तकलीफ होगी। ईमानदारी से टैक्स जमा करके सुकून का जीवन जीएं यही उपयुक्त है। विभाग के पी मनोज ने बताया कि आयकर विभाग के स्वच्छ धन अभियान के आरंभिक चरण में 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक प्रचुर मात्रा में जमा की गई नगदी की ई-वेरीफिकेशन शामिल हैं। आयकर विभाग के डाटाबेस में उपलब्ध सूचना के साथ तुलना करने के लिए डाटा एनेलिटिक्स का प्रयोग किया है। पहले बेच में ऐसे 18 लाख व्यक्तियों की पहचान की गई है जिनके मामले में नगदी का संव्यवहार कर दाता के प्रोफाइल से मेल नहीं खा रहा है।
क्या होगा
कर दाताओं को ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन रिस्पांस प्रस्तुत करने के लिए ई-मेल और एसएमएस भेजे जाएंगे। जिन करदाताओं ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, वे रजिस्टर युअरसेल्फ लिंग पर क्लिक करके रजिस्टर करें। रजिस्टर्ड करदाता इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन प्राप्त करने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना ई-मेल एड्रेस तथा मोबाइल नंबर अद्यतन करें व जांच लें। कर दाता को ऑनलाइन रिस्पांस प्रस्तुत करने में सहायता देने के लिए पोर्टल पर विस्तृत यूजर गाइड तथा क्विक रेफरेंस गाइड उपलब्ध है। यदि ऑनलाइन रिस्पांस प्रस्तुत करने में कोई कठिनाई हो तो हेल्प डेस्क से 1800 4250 0025 पर संपर्क किया जा सकता है।उपलब्ध सूचना के आधार पर करदाता की प्रतिक्रया का मूल्यांकन किया जाएगा यदि नकद के स्रोत का स्पष्टीकरण उचित पाया जाएगा तो आयकर कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी और जांच को बंद कर दिया जाएगा और यदि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत नकद जमा की घोषणा की जाती है तो भी जांच को बंद कर दिया जाएगा।

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