इटारसी। नागपंचमी पर्व पर सपेरों की टोली को बढ़ावा न देने के अनुरोध के साथ सर्पमित्र अभिजीत यादव आज सक्रिय रहे। उन्होंने ग्राम बम्मनगांव से एक बड़ा कोबरा पकड़कर बागदेव के जंगल में छोड़ा है।
ये किया था अनुरोध
सर्पमित्र अभिजीत यादव (Abhijeet Yadav) ने नागपंचमी (Nagpanchami) पर्व पर पूजा के नाम पर सांपों को प्रताडऩा से बचाने के लिए एक अनुरोध सोशल मीडिया के जरिये नगर के लोगों से किया था। उन्होंने बताया था कि नागपंचमी (Nagpanchami) सपेरों को बढ़ावा न दें क्योंकि ये सपेरे इन जीवों को प्रताडि़त करते हैं। उन्होंने कहा कि सांप (Snake) दूध नहीं पीते हैं। उनका आहार चूहे, मेंढक, छिपकली और कुछ सांप छोटे सांपों को खाते हैं। सपेरे सांप को महीनों पहले से पकड़ कर रख लेते हैं वह उनकी बड़ी क्रूरता से विष ग्रन्थि निकाल देते हैं जिससे कोबरा सांप (Cobra snake) जीवन में कभी अपना विष नहीं बना पाते। सांप, 1972 वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संरक्षित जीव हैं।
नहीं मिले आज कोई सपेरे
वन विभाग (Forest department) की टीम आज शहर में घूमी। नागपंचमी पर घूमने वाले सपेरों की तलाश में टीम शहर के मुख्य मार्गों, गलियों, मोहल्लों में घूमी लेकिन, कोई सपेरा नहीं मिला है। रेंजर जयदीप शर्मा (Renjer Jaydeep Sharma) के अनुसार हमारी टीम तो घूमी है, लेकिन अब तक किसी सपेरे को पकडऩे जैसी कोई सूचना नहीं मिली है। लॉकडाउन के चलते साधन नहीं मिलने से हो सकता है, सपेरे नहीं आये हों। या फिर विभाग की टीम हर वर्ष इनको पकड़ती है तो वे भी अब सांपों को लेकर निकलने से डर रहे हों। कारण जो भी हो, आज कोई भी सपेरा वन विभाग की टीम को नहीं मिला है।