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आज का मनुष्य स्वार्थी हो चुका है, भाई और पिता का भी नहीं होता

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  • श्री राम जन्म महोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा का चतुर्थ दिवस

इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक परिसर में श्रीराम जन्म महोत्सव समिति द्वारा 62 वे वर्ष में आयोजित श्री रामकथा महोत्सव के चतुर्थ दिवस कथाव्यास महेंद्र मिश्र मानस मणि ने कहा कि आज का युग जिसे कलयुग कहा जाता है, स्वार्थ से भरा हुआ है। व्यक्ति एक दूसरे को नीचा दिखाने में अपने को बड़ा समझता है। भाई, भाई का नहीं होता पिता, पुत्र का नहीं होता और पुत्र भी पिता का नहीं होता। परंतु अयोध्या के राज्य में दशरथ नंदन प्रभु श्री राम जिन्होंने मनुष्य स्वरूप में अवतार लिया, अपना जीवन भी मनुष्य के समान ही व्यतीत किया।

आचार्य ने कहा कि एक युवा जिसे दूसरे दिन प्रात:काल युवराज बनना है, उसने पिता की आज्ञा मानकर वन में जाना स्वीकार किया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन वन में भरत आए, उन्होंने राजपाट राम जी को देने की बात की, रामजी ने मना कर दिया और कहा कि तुम ही अयोध्या का राज करो। पिता का आदेश मेरे वन गमन के लिए है। कथाव्यास ने कहा कि वन गमन के दौरान प्रभु श्री राम ने कई कष्ट झेले, परंतु किंचित मात्र भी उन्होंने अपने पिता को दोष नहीं दिया। आचार्य कहते हैं कि सीता हरण के पश्चात प्रभु श्री राम व्याकुल हुए परंतु हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि प्रभु श्रीराम का लक्ष्य असुरी शक्तियों का वध करना था। इसीलिए उनका जन्म हुआ था।

प्रभु श्री राम का जीवन आलौकिक है। इस संबंध में कथाकार जीवन में वास्तविक रूप से कथा पूरी कर ही नहीं सकते, क्योंकि हरि अनंत हरि कथा अनंता। हरि भी अनंत है और उनकी कथा भी अनंत है। कथाव्यास ने कहा कि भाई भरत को वापस अयोध्या भेजा और प्रभु श्री राम सीता और लक्ष्मण के साथ आगे की वन गमन यात्रा के लिए रवाना हुए। श्रीराम पंचवटी पहुंचे, यहां उन्होंने कुछ समय बिताया मारीच सोने का हिरन बना, किस तरह सीता हरण हुआ उसका पूरा वृतांत बताया। कथाव्यास ने कथा प्रसंग को विस्तार से बताया। समिति के प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि कथा के दौरान द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

निषादराज जयंती मनाई

शनिवार को द्वारकाधीश मंदिर परिसर में भगवान निषादराज जयंती मनाई गई। कथाव्यास मानस मणि महाराज जी ने भगवान निषादराज का भगवान श्रीराम के साथ प्रसंग सुनाया। इस अवसर पर मंदिर समिति, आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ प्रकाश केवट, कैलाश रैकवार सहित मांझी समाज के नागरिक उपस्थित रहे। उन्होंने व्यासपीठ पर विराजित महाराज जी का शॉल श्रीफल से स्वागत किया। मंच पर भगवान निषादराज के तेल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर पुष्पहार अर्पित किया गया।

कथा व्यास का पूजन ओर स्वागत करने विश्वनाथ सिंघल, भरत वर्मा, जय किशोर चौधरी, राहुल चौरे, किरार समाज से मेहरबान सिंह चौहन एवं साथी, नामदेव समाज से लीलाधर नामदेव, देवेंद्र जनोरिया, रामचरण नामदेव, मंदिर समिति कोषाध्यक्ष प्रह्लाद बंग, कृषि उपज मंडी मंडी सचिव अरविंद परिहार, पार्षद वंदना ओझा, गीता पटेल, मनीषा अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित हुए।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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