कुछ शब्दहीन थे, आंखों के जरिए बयां हुई पीड़ा

Post by: Manju Thakur

शैलेन्द्र को दी शहर ने आदरांजलि
इटारसी। शैलेन्द्र चौहान, हमारे बीच नहीं हैं। वे सबके चहेते थे। अब यादों में रहेंगे। आज गांधी वाचनालय में बड़ी संख्या में उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने बड़ी संख्या में उनके मित्र, परिचित और करीबी पहुंचे थे। शहर के दर्जनों संगठन के सैकड़ों सदस्यों ने आज नम आंखों से शैलेन्द्र को याद किया। एक अंधेरी रात में सड़क किनारे खड़े डंपर ने उनको सबसे छीन लिया। उनकी मौत की खबर हर वर्ग के लोगों को दुखी कर गई थी। आज वाचनालय में सभी करीबी मित्र, क्रिकेट के साथी खिलाड़ी, स्वतंत्र क्रिकेट क्लब, पारिवारिक हितैषी, जिला हॉकी संघ, सिख समाज, पार्षद, बार एसोसिएशन, राजनैतिक हस्तियां, इटारसी क्रिकेट संघ, त्रिवेदी पैनल, अपनी इटारसी ग्रुप, व्यापारी संघ, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, नवअभ्युदय संस्था, चियर्स क्लब, निनाद म्यूजिकल ग्रुप, ऑर्केस्ट्रा म्यूजिक प्लानर्स, सभी खेल संगठन व सामाजिक संस्थाओं ने शैलेन्द्र चौहान को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मानो गम की सरिता बह निकली। सभी उपस्थित साथियों ने श्रद्धांजलि के माध्यम से अपना दुख व्यक्त किया। बोलने के दौरान किसी की आंखे छलक गईं तो किसी ने रूंधे गले से अपने चहेते को किया याद। कोई को माइक पर जाकर नि:शब्द हो गया। सबका एक ही भाव था, शैलेन्द्र तुम बहुत याद आओगे।

error: Content is protected !!