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केन्द्र सरकार ने भी किया शहर को ओडीएफ घोषित

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केन्द्रीय दल की रिपोर्ट पर घोषणा, छह घंटे घूमा था शहर में दो सदस्यीय दल
इटारसी। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इटारसी शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया है। केन्द्र के दल ने शहर के विभिन्न वार्डों में जाकर खुले में शौच मुक्त शहर की स्थिति जारी और दिल्ली से मिल रहे निर्देशों के तहत बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण के वक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेश दुबे, हेल्थ आफिसर एसके तिवारी, हेल्थ इंसपेक्टर आरके तिवारी, सब इंजीनियर श्रीकृष्ण कुमार बोहरे, मुकेश जैन भी मौजूद थे।
रविवार की शाम दिल्ली से दल इटारसी पहुंच गया था और सोमवार को सुबह से ही नगर के वार्डों का निरीक्षण शुरु कर दिया था। दो सदस्यीय दल ने वार्डों में निर्मित शौचालय के निरीक्षण किए, नालों किनारे, रेलवे लाइन किनारे जाकर खुले में शौच की स्थिति देखी। नगर के स्कूल में स्थित शौचालय देखे। वार्डों में नगर के लोगों से खुले में शौच मुक्त नगर पर चर्चा की। साथ ही पूछा कि खुले में शौच जाते हैं या बाहर। इस पर ओडीएफ के अधिकारी विपिन कुमार को संतोष जनक जवाब मिलने पर वे दूसरे वार्डों के लिए निकल पड़े। सोमवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक ओडीएफ के दल शहर के 9 लोकेशन पर पहुंचे। उन्होंने इन क्षेत्रों का दौरा कर नपा द्वारा निर्मित शौचालय का निरीक्षण किया. इसके अलावा गुणवत्ता भी देखी।
दिल्ली से मिल रहे थे लोकेशन
दिल्ली से जो दो सदस्यीय दल इटारसी के ओडीएफ हालात जानने आया था, उसे दिल्ली से लोकेशन मिल रहे थे। न तो वे अपने मन से किसी क्षेत्र में जा सकते थे और ना ही इटारसी नगर पालिका के अधिकारियों के बताए स्थान पर निरीक्षण कर सकते थे। उनके मोबाइल पर लोकेशन मिल रहे थे और उसी के अनुरूप वे निरीक्षण करने संबंधित स्थान पर जा रहे थे। मौके पर जाकर वहां की शौचालय की स्थिति देखकर स्थानीय निवासियों से भी वे चर्चा कर रहे थे, ताकि वस्तुस्थिति पता लग सके। दल के सदस्यों ने स्थानीय लोगों से पूछा के वे शौच के लिए कहां जाते हैं, उनके यहां शौचालय है या नहीं। जिनके यहां नहीं हैं, वे कहां जाते हैं। संतोषजनक जवाब मिलने पर दल अगले लोकेशन पर बढ़ जाता था।
तालाब से शुरु किया टीम ने सर्वे
केन्द्रीय टीम ने शहर में उन 9 लोकेशन पर सर्वे किया जो उन्हें दिल्ली से प्राप्त निर्देशों में बतायी गई थी। सुबह 10 बजे सबसे पहले उनको तालाब की लोकेशन मिली। दल ने तालाब पर जाकर वस्तुस्थिति जानी। इन दिनों तालाब का विकास कार्य चल रहा है। वहां के मजदूरों से ही पूछ लिया कि वे कहां शौच को जाते हैं। इसके अलावा तालाब मोहल्ला के निवासियों से उनके यहां शौचालय की स्थिति जानी। तालाब के कोने और चारों तरफ घूमकर देखा कि कहीं कोई शौच के निशान तो नहीं हैं। यहां तक कि दल ने मिट्टी भी हटाकर देखी। तालाब के इर्द-गिर्द बारीकी से निरीक्षण किया और लोगों से पूछताछ की गई. तालाब में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि वे शौच के लिए सार्वजनिक शौचालय का ही इस्तेमाल करते हैं।
it10117-1लगातार फोटो भेज रहे थे
सुबह तालाब से केन्द्रीय दल ने सर्वे शुरु कर दिया था। वे करीब छह घंटे शहर के नौ लोकेशन पर घूमे। इस दौरान नगर पालिका के अधिकारी भी टीम के साथ रहे। जिस भी वार्ड या स्थान पर टीम जा रही थी, तत्काल उस जगह की तस्वीर लेकर मोबाइल के माध्यम से सीधे दिल्ली भेजी जा रही थी। दिल्ली में भी एक टीम ऑन लाइन थी जिनसे मैदानी टीम को दिशा निर्देश प्राप्त हो रहे थे। हर लोकेशन का सर्वे करने के साथ ही लगातार यहां से यह दल दिल्ली में बैठे अधिकारियों को फोटो सेंड कर रहे रहा था। मोबाइल पर ही मैदानी दल को वहां से लोकेशन प्राप्त हो रही थी और उसी के अनुसार यहां का दल अपना निरीक्षण कार्यक्रम बना रहा था। छह घंटे के निरीक्षण में दल ने दिल्ली में बैठे अधिकारियों को दर्जनों फोटो भेजी थी।
नालों पर गए, रेल ट्रेक देखा
केन्द्रीय दल ने शहर के आसपास से गुजरने वाले नालों और रेलवे लाइनों को देखा। दरअसल नालों और रेलवे लाइन पर ही सबसे अधिक लोग सुबह शौच के लिए जाते हैं। दल के सदस्य और स्थानीय अधिकारियों की टीम को न तो नालों पर और ना ही रेलवे लाइन पर शौच के कोई निशान मिले। टीम को कोई भी खुले में शौच करते भी इन स्थानों पर नहीं मिला। सनखेड़ा नाका से बंगलिया तक आने वाले नाले पर टीम पहुंची और बारीकी से निरीक्षण किया। इसी तरह से नई गरीबी लाइन में रेलवे लाइन किनारे भी टीम के सदस्य गए और वहां भी खुले में शौच के कोई निशान टीम को नहीं मिले। कुछ जगह तो मिट्टी के ढेर दिखने पर लकड़ी से ढेर को हटाकर भी देखा. आशंका थी कि कहीं शौच करके मिट्टी से तो नहीं ढंक दिया।
ये 9 लोकेशन मिले थे टीम को
* बाजार क्षेत्र में तालाब
* प्रियदर्शिनी नगर कालोनी (स्लम)
* सरदार पटेल पुरा पुरानी इटारसी (स्लम)
* नेताजी सुभाष वार्ड
* देशबंधुपुरा वार्ड
* महात्मा गांधी रोड
* रेलवे स्टेशन से सूरजगंज चौक
* शासकीय बालक उमा शाला
* शासकीय कन्या उमा शाला
इनका कहना है….
केन्द्र सरकार ने भी शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया है। इस उपलब्धि के पीछे नगर पालिका के स्वच्छता विभाग की पूरी टीम, सब इंजीनियर्स और सफाई कर्मचारियों के दल की मेहनत है। शहर के नागरिकों ने भी नगर पालिका को काफी सहयोग किया है। हमारी अपील पर लोगों ने अपने घरों में शौचालय बनवाए और शहर खुले में शौच मुक्त घोषित हुआ है। स्कूलों ने इस संबंध में जागरुकता फैलाने में महती भूमिका अदा की है।
सुरेश दुबे, सीएमओ

शहर को ओडीएफ किया गया है। यह नगर पालिका के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। सुबह से शाम तक पूरा दल लोगों को जागरुक करने में जुटा रहता था। आमजन ने हमारे अनुरोध को माना और खुले में शौच जाना बंद किया। यह पूरा टीम वर्क था, जिससे शहर को इतनी बड़ी उपलब्धि मिली है।
श्रीमती सुधा अग्रवाल, अध्यक्ष नपा परिषद

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